भोपाल। पांच साल पहले रिटायर हुए शिक्षक और प्राचार्य भी हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी की उत्त्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर सकेंगे। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सीबीएसई और अन्य राज्यों की परीक्षक (मूल्यांकनकर्ता) नियुक्ति प्रक्रिया को अपनाते हुए यह निर्णय लिया है। परीक्षकों की नियुक्ति कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इस संबंध में पिछले दिनों निर्देश जारी हो गए हैं।
इस बार मंडल की 10-12वीं की परीक्षाएं 2 एवं 3 मार्च से शुरू हो रही हैं। दोनों परीक्षाओं में 19.50 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। मंडल ने करीब 1.25 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का हिसाब लगाया है। इतनी कॉपियां जांचने के लिए 22 हजार शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी। मंडल ने सभी जिलों में कलेक्टरों की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है, जो परीक्षकों का चयन करेगी। कमेटी को यह कार्य 16 जनवरी तक पूरा कर मंडल को जानकारी भेजना है। चूंकि मंडल को 10 से 15 मई तक रिजल्ट घोषित करना है। इसलिए 20 मार्च से ही मूल्यांकन शुरू करने की तैयारी है। इसमें देर न हो, इसलिए रिटायर शिक्षकों पर दांव खेला जा रहा है। हालांकि मंडल ने कमेटी को निर्देशित किया है कि रिटायर शिक्षकों को परीक्षक नियुक्त करने से पहले ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कराई जाए, जो पिछले पांच सालों में डीईओ, सहायक आयुक्त और जिला संयोजक कार्यालय से रिटायर हुए हैं। उनमें से योग्यता पूरी करने वाले शिक्षकों और प्राचार्यों को ही परीक्षक नियुक्त किया जाए।
लापरवाहों को नहीं मिलेगा मौका
कमेटी को कहा गया है कि नियुक्ति करने से पहले यह देखा जाए कि संबंधित शिक्षक ने पिछले सालों में मूल्यांकन में लापरवाही न बरती हो।
जिले में होगा मूल्यांकन
हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सभी 51 जिला मुख्यालयों पर होगा। इससे पहले यह मूल्यांकन संभाग स्तर पर किया जाता था।
परीक्षक स्नातक हों
मंडल ने हाईस्कूल का मूल्यांकन कार्य संबंधित विषय में स्नातक और हायर सेकंडरी का मूल्यांकन संबंधित विषय में स्नातकोत्तर शिक्षकों से ही कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं निजी स्कूल के वे ही शिक्षक परीक्षक के तौर पर मूल्यांकन कर सकेंगे, जिन्होंने लगातार पांच साल स्कूल में संतोषजनक काम किया हो।