नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू के ब्लॉग पर बवाल मचा हुआ है। मीडिया में यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि एक न्यायाधीश रेंक का व्यक्ति कटरीना कैफ को देश का राष्ट्रप्रति बनाने की सलाह दे रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि उनके एक व्यंग्य को लोग गंभीरता से ले रहे हैं और तिल का ताड़ बनाया जा रहा है या फिर मीडियाई घोड़े जानते हैं कि ज्यादातर पाठक विषय के भीतर तक नहीं जाते इसलिए हेडलाइन कुछ इस तरह से दी जा रहीं हैं कि ब्रांड काटजू को डैमेज किया जा सके।
न्यायमूर्ति काट्जू ने अपने ब्लॉग पर व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा कि कटरीना को भारत का राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए। ऐसी सलाह उन्होंने इसलिए दी क्योंकि पिछले दिनों क्रोएशिया में एक महिला को सिर्फ सुन्दरता के आधार पर राष्ट्रपति बनाया गया।
उन्होंने लिखा है कि आर्थिक रूप से बीमार क्रोएशिया जब मिस ग्रैबर किटरोविक को अपना राष्ट्रपति बना सकता है, तो हम क्यों नहीं। अक्सर विवादित मसलों पर खुलकर बोलने वाले न्यायमूर्ति काटजू ने लिखा है, मैं चुनाव में हमेशा से ही सुंदर महिलाओं जैसे फिल्मी अभिनेत्रियों के चयन का समर्थन करता हूं क्योंकि नेता हमेशा चांद दिलाने की बात करेंगे, लेकिन कभी जनता के हित का काम नहीं करेंगे। इसलिए चूंकि आपको किसी न किसी का चुनाव तो करना ही है तो क्यों न कम से कम सुंदर चेहरे के लिए वोट दिया जाए। कम से कम मीडिया में उस सुंदर चेहरे को देख कर आपको क्षणिक सुख तो होगा। नहीं तो आपको अंत में ऐसे तो कुछ भी हासिल नहीं होने वाला।
न्यायमूर्ति काट्जू ने व्यंग्य करते हुए लिखा है, राष्ट्रपति बनने के लिए कटरीना को एक शर्त का पालन करना होगा। शर्त यह है कि अपने शपथ ग्रहण समारोह में कटरीना को अपना फेमस गीत शीला की जवानी गाना होगा। हरि ओम उवाच के साथ उन्होंने अपना ब्लॉग समाप्त किया है।
मेरी समझ से भारतीय लोकतंत्र के मंदिरों में बैठे 543 देवताओं पर इससे बेहतर प्रहार इस प्रसंग पर हो ही नहीं सकता था।
उपदेश अवस्थी
संपादक
भोपाल समाचार
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