अधिकारियों ने कलेक्टर के खिलाफ खोला मोर्चा

भोपाल। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में राजस्व अधिकारियों ने अपने ही कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कलेक्टर केदार शर्मा को निरंकुश, भ्रष्ट एवं तानाशाह करार देते हुए एक नायब तहसीलदार ने तो इस्तीफा तक सौंप दिया है जबकि एक एसडीएम ने खुद को कलेक्टर की अधीनस्थता से मुक्त करने का आग्रह किया है।

आला अधिकारियों को लिखे पत्र में ब्रम्हे ने कलेक्टर पर आरोप लगाया है कि पंचायत चुनाव की हलचल के बीच ऐसे निर्णय लिए गए, जिससे शांति व्यवस्था प्रभावित हो रही थीं।

22 दिसंबर को दिगौड़ा टप्पा नायब तहसीलदार को टप्पा स्वीकृत नहीं होना बताकर हटा दिया था, जिससे करीब 50 गांवों में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई थी। कुछ दिन बाद कलेक्टर ने नायब तहसीलदार को हफ्ते में दो दिन दिगौड़ा टप्पा में बैठकर काम करने का फरमान सुनाया। इससे क्षेत्र में और अशांति फैल गई। टप्पा को तहसील बनाने की मांग पुरानी है और इसको लेकर आंदोलन चल रहे हैं।

प्रत्याशियों ने भी श्रेय लेने के चक्कर में आंदोलन को उग्र कर दिया पर कलेक्टर ने त्वरित निर्णय नहीं लिया। इसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। अभी भी प्रशासन के प्रति आक्रोश है। इस घटना से दुखी प्रभारी नायब तहसीलदार डॉ.अनिल गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया। गुप्ता ने इस्तीफे में लिखा है कि आपके (कलेक्टर) निरंकुश, भ्रष्ट और तानाशाहीपूर्ण रवैए से व्यथित हूं।

पत्र का प्रशासन के पास कोई जवाब न होने से हम अधीनस्थ अधिकारियों का मनोबल प्रभावित हुआ है, जिसका कारण कलेक्टर की कार्यप्रणाली है। ब्रम्हे ने लिखा है कि हम डरे हुए हैं कि कलेक्टर ऐसा ही कोई और निर्णय न ले लें, जिससे शांति व्यवस्था प्रभावित हो जाए। इसलिए कार्यमुक्त कर किसी अन्य को जतारा में पदस्थ किया जाए।

बताया जा रहा है कि गुप्ता के इस्तीफे पर फिलहाल कोई विचार नहीं हुआ है। इस मामले को भी उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।

SDM से छीना पीडीएस का काम
सामान्यत: अनुभाग में एसडीएम ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का काम देखते हैं पर जतारा में इसके लिए सहायक कलेक्टर को तैनात किया गया है। दरअसल, कलेक्टर को ये शिकायतें मिली थीं कि ब्रम्हे ने अपने स्तर से प्राथमिक सहकारी समितियों की जगह उपभेाक्ता भंडारों को काम दे दिया है।

इस फैसले के संबंध में उच्चाधिकारियों से कोई पत्राचार भी नहीं किया। जब दुकानों की जांच कराई तो कुछ से चार माह का खाद्यान्न् तक गायब मिला। इसके खिलाफ कार्रवाई भी की गई। इसी तरह निकाय चुनाव के वक्त पलेरा में बवाल हो गया था पर एसडीएम मौके पर नहीं पहुंचे। इस बारे में भी कलेक्टर की ओर से ब्रम्हे को नोटिस दिया गया है।

इनका कहना है
कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी मूलत: कलेक्टर की है। उनके फैसलों से परेशानी खड़ी हुई, इसलिए जतारा अनुभाग से कार्यमुक्त करने के लिए पत्र लिखा है।
एनएस ब्रम्हे, एसडीएम जतारा

एसडीएम का पत्र मिला है। इस बारे में हम कोई निर्णय नहीं कर सकते हैं। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाएंगे।
केदार शर्मा, कलेक्टर, टीकमगढ़

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