भोपाल। दिल्ली के विधानसभा चुनावों में मप्र के गए 70 से ज्यादा पदाधिकारियों से दिल्ली के भाजपाई परेशान हो रहे हैं। दरअसल मप्र से पहुंचे संघियों ने चुनाव के दौरान एक नई प्रक्रिया शुरू की और हर कार्यकर्ता पर जोरदार दबाव बनाया जा रहा है कि वो इसे हर हाल में निभाए। दिल्ली में इसे 'पन्ना संस्कृति' के नाम से पुकारा जा रहा है।
दरअसल हो यह रहा है कि मप्र से दिल्ली पहुंचे संघ पदाधिकारियों ने वहां बूथ लेवल तक के प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता को एक कागज थमा दिया है जिस पर उसे 30 वोटर्स की डीटेल्स भरकर लानी है, इतना ही नहीं इन 30 वोटर्स को उसे भाजपा के लिए मोटिवेट भी करना है।
इस नई प्रक्रिया में दिल्ली के नेता खुद को असहज महसूस कर रहे हैं और मप्र के संघियों की खिल्ली भी उड़ा रहे हैं। इधर संघ पदाधिकारियों ने इस एक्सरसाइज पर पूरा जोर लगा दिया है। कहा यह भी जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट संघ मुख्यालय ओर हाईकमान तक जा रही है।
सांगठनिक कामकाज की इस शैली से दिल्ली भाजपा का साबका नहीं पड़ा था, माना जा रहा है कि इससे दिल्ली के भाजपा नेता अनमने हैं। इसे भांपकर ही अपेक्षित सहयोग जुटाने के लिए मप्र के संघ नेताओं को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि मप्र से आई इस टीम के मुखिया अरविंद कोठेकर का कहना है कि 'हम खामोशी से काम कर रहे हैं, अपनी ओर से दखल या निर्देश थोपने के बजाए काम में हाथ बंटाने की पेशकश कर रहे हैं, विरोध जैसी कोई बात नहीं हैं।'