लाड़क़ई। यहां पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक छोटी सी प्रशासनिक चूक के चलते सरपंच पद का एक अभ्यर्थी चुनाव के अयोग्य हो गया एवं उसे चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया जा सका। अब अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में वाद प्रस्तुत किया है।
अमरसिंह मीना का कहना है कि ब्लॉक नसरूल्लागंज पंचायत रिटर्निग अधिकारी शैलेन्द्र वर्मा के साथ वेदप्रकाश शर्मा, ललताप्रसाद विष्वकर्मा, कमल विष्वकर्मा के द्वारा नाम निर्देशन का कार्य किया जा रहा था। अमरसिंह द्वारा 03 जनवरी को प्रथम नाम निर्देशन पत्र जमा किया गया और इसके बाद अगर किसी भी कारण से नाम निर्देशन रद्द नही हो जाने के कारण से 07 जनवरी को दूसरा नाम निर्देशन पत्र जमा करा दिया और जांच के दौरान दोनो नाम निर्देशन पत्र को सही करार दिया जाने के बाद दिनाॅक 10 को जब एक नाम निर्देशन पत्र वापस लेने की बात आई तो अमरसिंह मीना द्वारा दिनाॅक 07 जनवरी को जो नाम निर्देशन पत्र जमा किया गया उसके लिए अभ्यार्थिता वापस लेने के लिए प्ररूप 6 नियम 37(1) भरा गया। जिसमें क्र.2 में जो बात लिखी गई है उनको पूर्ण करते हुये। अमरसिंह मीना द्वारा मात्र दिनाॅक 07 जनवरी जो नाम निर्देशन पत्र दिया गया उसी का उल्लेख करते हुये दिनाॅक 03 जनवरी जो नाम निर्देशन पत्र दिया गया उसकी छाया प्रति भी साथ मे जमा की गई थी ओर मौके पर शैलेन्द्र वर्मा व सहयोगी कर्मचारी ललता प्रसाद विष्वकर्मा, वैदप्रकाष शर्मा, कमल विष्वकर्मा से अवगत कराते हुये जानकारी भी ली गई थी के मेरे द्वारा दो नाम निर्देशन पत्र जमा किये गये है ओर इसमें से मैं एक नाम निर्देशन पत्र वापस लेने कि स्थिति में मेरा नाम निर्देशन निरस्त तो नही होगा तो सभी कर्मचारी द्वारा मुझे आश्वासन देते हुये कहा कि आपका नाम वापस नही हो रहा है आपके द्वारा दो आवेदन में से मात्र एक ही आवेदन लिया गया है ओर आप चुनाव में हिस्सा ले सकेंगे लेकिन जब में 11 जनवरी को अपना चुनाव चिन्ह लेने के लिये शास. हाई स्कूल प्रांगण लाड़कुई मैं गया तो शैलेन्द्र वर्मा द्वारा मुझे बताया गया कि आपके द्वारा नाम वापस लिया जा चुका है और अब आपको चिन्ह नही दिया जा सकता है।
नही हुई सुनवाई अधिकारी
जब इस बात से अवगत कराने के लिये अमरसिंह, अल्पसंख्यक अध्यक्ष अकलाख खाॅ अपने कार्यकर्ता के साथ दोप.12 बजे एस.डी.एम. आॅफिस पहुॅचे तो एस.डी.एम. सीहोर गये हुये थे। शाम को 05 बजे तक इंतेजार करने के बाद 06 बजे के करीब एस.डी.एम. हरिसिंह चौधरी से मुलाकत कर पाये ओर जाकर अपनी बाते अनुविभागिय अधिकारी के सामने रखी तो अनुविभागिय अधिकारी द्वारा बताया गया के हमारे द्वारा किसी भी अध्यापक व रिटर्गिंन अधिकारी को कोई निर्देष नही दिये के एक नाम निर्देषन पत्र रहने पर दूसरा रहेगा व खत्म हो जायेगा ओर अगर किसी कर्मचारी द्वारा आपको बताया गया है कि एक नाम निर्देशन पत्र रहेगा और एक नही रहेगा तो कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
सैकडो की संख्या में छोड सकते है भाजपा
अमरसिंह मीना के साथ हुई धोखेबाजी के कारण भाजपा कार्यकर्ता में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है कार्यकर्ताओ का मानना है कि जिस प्रदेश में भाजपा व बुधनी विधान सभा का प्रमुख गद्दी पर हो वहां के कार्यकर्ताओं के साथ धोखाधडी हो जाये तो ऐसी पार्टी में रहना का कोई अर्थ ही नही है क्योंकि अमरसिंह मीना और अल्पसंख्याक अध्यक्ष अकलाख खाॅ दोनो भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता है ओर विधान सभा व लोक सभा चुनावो में दोनो का मुख्य रोल रहा है जिसमें अकलाख खाॅ के साथ इस समय करीबन 90 प्रतिशत मुसलिम वोटो है वही अमरसिंह मीना के साथ भी काफी जन समूह होने के कारण एक बडी लावी सामने आई। ऐसे में अमरसिंह मीना की उम्मीदवारी खत्म होने से जनता में काफी आक्रोष दिखाई दे रहा है।
ग्राम में हे संनाटा
अमरसिंह मीना के उम्मीवारी निरस्त होने की बात जैसे ही ग्रामीणो तक पहुॅची ग्राम में संनाटा छाया हुई है लोगो का सारा जोश खत्म सा हो गया है चुनाव को लेकर किसी भी प्रकार की उमंग व उत्साह लोगो में नजर नही आ रहा है जिस जनता ने अमरसिंह को अपना सरपंच मान लिया था वो पूर्ण रूप से खामोस है ओर प्रशासन व न्यायालय के आखिरी निर्णय का इन्तजार कर रही है।
जनता 31 जनवरी को सबक सिखाएगी
वही बलाक काॅग्रेस अध्यक्ष मोहनलाल शर्मा का कहना है कि अमरसिंह मीना की जीत सुनिष्चत होने के कारण उसके प्रति षडयंत्र पूर्वक चुनाव प्रक्रिया से दूर किया जा रहा है अगर उच्च न्यायालय में भी जन भावना के अनुरूप निर्णय नही आया तो जनता षडयंत्रकारियों को 31 जनवरी को सबक सिखाएगी।