भोपाल। मध्यप्रदेश के 22 जिलों में कार्यरत लगभग 750 संविदा छात्रावास अधीक्षक अपने भविष्य को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं। नईभर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है, संविलियन अभी तक नहीं हुआ। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर उनका भविष्य क्या होगा।
पढ़िए उनका दर्द बयां करता यह खुलाखत:—
संविदा छात्रावास अधीक्षक पद पर मध्यप्रदेश के 22 जिलों में आदिवासी विकास विभाग द्वारा लगभग 750 बेरोजगारों की भर्ती विभागीय परीक्षा एंव साक्षात्कार के माध्यम से सन् 2008 में की गई थी।
गजट में वर्णित शर्तों के आधार पर संविदा छात्रावास अधीक्षक को 05 वर्ष के लिये अनुबन्धित किया गया था।
संविदा शिक्षक वर्ग -2 के समान शैक्षणिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों से शासन ने दोहरी परीक्षा (लिखत एवं साक्षात्कार) के बाद वर्ग-2 के 03 साल की संविदा अवधि से 02 वर्ष अधिक की अवधि तक 24 घण्टें का अत्यंत जवाबदेही वाला कार्य संविदा अधीक्षकों से कराया।
संविदा शिक्षकों से भिन्न अधीक्षकों के दायित्व प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, नैतिक चरित्र एवं अन्य विभागों से सामंजस्य कर अपनी संस्था के उत्कर्ष हेतु सतत् क्रियाशील रहना। मुख्यालय निवास एवं अत्यंत अल्प वेतन ने अधीक्षकों की तपस्या को और भी अधिक कष्टप्रद किया। कठोर परिश्रम ने उज्जवल भविष्य की आषाओं को और अधिक बल दिया।
संविदा शिक्षक से अधिक जिम्मेदारियों ने भविष्य में संविदा शिक्षकों से अधिक लाभ का सपना दिखाया।
अधीक्षकों को पहला आघात जून 2011 में संविदा शिक्षकों की 1000/- रूपये की वेतनवृद्धि के समय लगा, उक्त वृद्धि प्रत्येक संविदा शिक्षक हेतु की गयी थी, जो संविदा अवधि के किसी भी साल में कार्यरत था किन्तु संविदा अधीक्षक को इस वृद्धि से वंचित रखा गया। तदुपरांत 01 नंवंबर 2011 से समस्त संविदा शिक्षकों को दी गई दुगुनी वेतन वृद्धि ने अधीक्षकों को आदिवासी विभाग के सौतेलेपन का अहसास हुआ।
कार्यालय आयुक्त अ.जा. विकास, म.प्र. राजीव गांधी भवन, श्यामला हिल्स भोपाल अपरसंचालक अ.जा.विकास म.प्र. के पत्र क्रमांक के पृ.क्रमांक/सूप्रौ/वीसी/25/1488 भोपाल दिनांक 3.6.13 स्थापना के माध्यम से बिन्दु क्रमांक 1. माननीय अध्यक्ष के द्वारा प्रत्येक छात्रावास/आश्रम में पूर्ण कालिक अधीक्षक के पद को निर्मित करने के निर्देश दिये गये। बिन्दुओ को विचार करने का पत्र भी अधीक्षकों के लिए राहत देता रहा।
हार न मानते हुए अधीक्षकों ने आवेदन, निवेदन एवं ज्ञापन के माध्यम से अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय पूर्व मत्री विजयशाह जी व मुख्यमंत्री जी तक को अपने साथ हुए इस दोयम दर्जे के व्यवहार से अवगत कराया किन्तु आष्वासनों का अबाध सिलसिला 2013 तक जारी रहा।
आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रं. एफ-12-11/2006/25-6/1914 भोपाल दिनांक 22.8.13 के माह- अगस्त 2013 में मध्यप्रदेष शासन ने संविदा अवधि समाप्ति के मात्र एक माह पहले अस्पष्ट, अतार्किक व अधूरा सा आदेष जारी करके अपने कत्र्तव्यों की इति श्री कर ली। इस आदेष में किसे, कब से व कितना लाभ दिया जाना है वह विभागीय मुख्यालय से लगाकर, अधीक्षक मुख्यालय तक कोई भी तय कर पाने की स्थिति में नही था। आज भी अव्यस्थित है। विभिन प्रशासनीक विभागीय अधीकारी एवं शाखा प्रभारी अपने विवेक अनुसार पत्र की व्याख्या करते रहे है।
उक्त आदेश की व्याख्या से बचने के लिये प्रत्येक स्तर तक तटस्थता दर्षाते हुए, विभिन्न अधिकारियों ने पत्र को संलग्न कर उक्तानुसार कार्यवाही करने हेतु अधीनस्थ कार्यालयों को पत्र लिखकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
इस सम्बन्ध में अधीक्षकों के प्रयास करने पर उन्हें जिला स्तर से लेकर मंत्रालय स्तर तक भी स्पष्ट आदेष अभाव में मात्र 3500/- की मानदेय वृद्धि जो कि 05 साल की संविदा अवधि पूर्ण करने के पष्चात् 7000/- रूपये की गई थी। साथ ही बी.एड. डी.एड. के संबंध में कई जिला प्रमुखो ने शासन आदेषों का पालन करते हुए अध्यापक संवंर्ग मे संविलियन संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की गई किंतु कई जिला प्रमुख पुनः शासन की ओर पत्र व्यवहार करते हुए उक्त संबंध में मार्गदर्षन लेने की बात कह रहे है। साथ ही कई जिला प्रमुख इस संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही करने के लिए तत्पर नही हुए है।
संविदा छात्रावास अधीक्षको के हितों को ध्यान में रखते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल ने इस संबंध में सिर्फ आदेष प्रसारित करने के पश्चात किसी प्रकार का पालन प्रतिवेदन नही लिया है। साथ ही आदिम जाति कल्याण विभाग यह बता पाने की स्थिति में नही है कि कितने जिलों में संविलियन संबंधी कार्यवाही पूर्ण है, अपूर्ण है, एवं कार्यवाही जारी है।
हमारे विभिन्न संविदा छात्रावास अधिक्षको का कई जिलो में संविलियन 3 वर्ष में एवं 5 वर्ष में किया है। जिससे 2008 प्रथम नियुक्ति के पश्चात बी.एड. डी.एड. पात्रताधारण किये हुए साथी भी कई जिलों में संविदा अधीक्षक 6 वर्ष होने पर भी संविदा की स्थिति को झेल रहे है। जबकि इनका 3 वर्ष में अध्यापक में संविलियन एवं 2 वर्ष का एरियर्स प्राप्त होना चाहिए था। साथ ही संबंधित विभाग के आदेष एवं नीति स्पष्ट नही होने से हमारे संविदा अधीक्षको को कई तरह के लाभ एवं एरियर्स मिलने में असुविधा हो रही है। जिससे हमारे कई साथी न्यायालय की शरण में जाने की स्थिति में है।
संलग्न आदेष पत्र में नये स्वीकृत किये गये अ.जा. कल्याण विभाग के पत्र क्रं. एफ-12-32/2014/25-5 भोपाल दिनांक 2.9.2014 अनुसार पोस्ट मेट्रीक छात्रावासों में संविदा शिक्षक वर्ग -1 के पद निर्माण को मंजूरी दी गई है जिसमें 9000/- रूपये मानदेय स्वीकृति दी गई है साथ ही संलग्न पत्र अनुसार दिनांक म.प्र. शासन के आदेष क्रं. एफ-3-3/2013/25-2/2104 भोपाल दिनांक 19.9.13 अनुसार कन्या शिक्षा परिसर छात्रावासो में छात्रावास अधीक्षको के नियमित पद निर्मित बताये गये है। जबकि अभी पूर्व में 2008 से कार्यरत संविदा छात्रावास अधीक्षको की अध्यापक संवर्ग में संविलियन नीति अपूर्ण ही थी कि इस प्रकार की नई नीति लागू कर अपने विभाग में नये पदो को मंजूरी देने से हम ठगा सा महसूस कर रहे है। शासन की नीति एक ही विभाग में कार्यरत छात्रावास अधीक्षको के लिए अलग-अलग कैसे हो सकती है।
हरीष जाधव प्रांतीय प्रवक्ता ने बताया कि संलग्न आदेष अनुसार वर्तमान में कई जिलो जैसे धार, रतलाम, अलीराजपूर में अध्यापक संवर्ग में संविलियन की कार्यवाही पूर्ण की गई है किंतु अन्य आदिवासी जिलों में संविलियन संबंधी कार्यवाही करने में कई जिला प्रमुख अपने आपको तटस्थ किये हुए है। श्रीमान जी हमारी स्थिति का आकलन करते हुए आदेष जारी करने वाले एवं नीति निर्माण करने वाले संबंधितो को इस ओर पुनः ध्यान देते हुए हमारे भविष्य की नीति निर्माण किया जाये -
1. षिक्षा विभाग में होने वाले विलय को लेकर कार्यरत संविदा अधीक्षक आदिम जाति कल्याण के माने जायेगे अथवा ग्रामीण विकास विभाग के इस प्रकार की स्थिति क्या होगी।
2. छात्रावास अधीक्षको के संबंध में एकरूपता से सभी जिलो में बीएड डीएड पात्रता पूर्ण अधीक्षको का 3 वर्षो में संविलियन किया जाये। 2 वर्ष का एरियर्स दिया जायें।
3. अब तक अध्यापक संवर्ग में संविलियन संबंधी कार्यवाही नही करने वाले जिला प्रमुखेा पर क्या कार्यवाही की जायेगी।
4. संविदा छात्रावास अधीक्षको के संबंध में उचित निर्देश प्रसारित किये जायें। इस संबंध में पालन प्रतिवेदन लिया जायेगा
प्रातांध्यक्ष श्री दिनेष राय मो. 9425833648
प्रांतिय उपाध्यक्ष श्री मनीष डोंगरे मोे. 9753240567
प्रांतीय प्रवक्ता हरीष जाधव मो. 9755863662
प्रांतीय संगठन प्रभारी लोकेष देषमुख मों. 9407051022