भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पताल संचालकों को मरीजों को लूटने का लाइसेंस मिल गया है। सरकार ऐसी प्राइवेट संस्थाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी जो मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमानी फीस वसूलते हैं। यह मध्यप्रदेश के तमाम प्रमुख मंत्रियों एवं अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक में तय किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संयुक्त विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे थे, इसमें तमाम विभागों के प्रमुख अफसरों के अलावा मंत्री भी मौजूद थे। इसी दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि गरीब और कमजोर लोंगों से निजी क्षेत्र के अस्पताल अनाप-शनाप पैसा लेकर उन्हें लूट रहे हैं। हमें इस पर नियंत्रण के लिए कोई कानून बनाना चाहिए, जिससे लोग लूटने से बच सकें।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सहमति जताते हुए कहा कि नर्सिंग होम पर कंट्रोल करने के लिए भार्गव की अध्यक्षता में एक कमेटी बना देते हैं। इस पर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान ने खड़े होकर कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में करोड़ों के निवेश प्रस्ताव आए हैं। यदि नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों पर कंट्रोल लगाया तो निवेशक भाग जाएंगे। इसके बाद ये अध्याय ही खत्म हो गया।
लव्वोलुआब यह कि भले ही जनता लुटती रहे, लेकिन निवेश आना चाहिए, विकास दिखाई देना चाहिए, जिसे होर्डिंग्स में छापा जा सके। संभव है इसके पीछे कोई अंडर टेबल गणित भी हो।
बुरे फंसे प्रवीर कृष्ण, सीएम ने बचाया
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण से पूछा कि बार-बार अमानक दवाओं की बात क्यों उठती है। इस पर प्रमुख सचिव ने कहा कि हमने 1200 दवाओं की जांच कराई थी। इसमें एक भी अमानक नहीं मिली। हम रोगियों को जेनरिक दवाएं दे रहे हैं, इसलिए यह सारा भ्रम ब्रांडेड दवाओं की कंपनी द्वारा फैलाया जा रहा है। प्रमुख सचिव ने कहा कि हम जल्द ही जिलों में कैंसर का इलाज शुरू करने जा रहे हैं।
इस पर वन मंत्री डॉ. गौरी शंकर शेजवार ने कहा कि मैं डॉक्टर हूं मुझे पता है कि कैंसर का इलाज इतना आसान नहीं है बताएं आप कहां क्या कैसे करने वाले हैं। इस पर प्रमुख सचिव ने अपने आप को संभालते हुए कहा कि कैंसर का इलाज नहीं बल्की उसका फालोअप ट्रिटमेंट करने वाले हैं। उनका यह जवाब सुनते ही बैठक में मौजूद मंत्री-अफसर हंस पड़े। इस पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में निशुल्क बंट रही दवांओं की तारीफ कर मामले को संभाला।
रैन बसेरा में घटिया कंबल बदलो
मुख्यमंत्री ने कहा कि रैन बसेरा में रहने वालों को घटिया कंबल दिए गए हैं। मैने खुद मौके पर निरीक्षण कर देखा है कंबल में आर-पार दिख रहा था। ठंड में लोगों को राहत देने के लिए हम कंबल दे रहे हैं किसी दिखावे के लिए नहीं। इनकी क्वालिटी तत्काल सुधारी जाए और अच्छे कंबल बांटे जाएं। गरीबों को दी जाने वाली सामग्री में भ्रष्टाचार न हो इसका ध्यान रखें।
फिर सामने आया खंडवा कांड का दर्द
प्रमुख सचिव जेल पीसी मीणा ने जैसे ही जेल महकमे की उपलब्धि बताना शुरू किया वैसे ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं जेल में क्या होता है। आप तो यह बताओ जेल से अपराधी कैसे भाग जाते हैं। इन्हें रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं। इस पर प्रमुख सचिव मीणा ने कहा कि जेल की सुरक्षा पुख्ता की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। बजट में पैसा भी मांगा गया है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा जेल में कड़ी सुरक्षा के लिए जो भी पैसा चाहिए प्रस्ताव बनाकर दें मिल जाएगा लेकिन किसी भी हालत में अपराधी जेल से भागना नहीं चाहिए।
यहां याद दिला दें कि खंडवा जेल से भागे आतंकी इन दिनों पूरे देश में वारदातें कर रहे हैं और इस मामले ने शिवराज सरकार की ब्रांड इमेज पर दाग लगाया है।
पेट्रोल/डीजल की कीमत बढ़ाने वाले अफसरों की तारीफ
मुख्यमंत्री ने वित्त की समीक्षा शुरू होते ही वित्त मंत्री जयंत मलैया और अपर मुख्य सचिव अजय नाथ सहित विभाग के अफसरों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने राज्य सरकार के कठिन दिनों में बेहतर प्रबंधन क्षमता दिखाई है। उन्होंने कहा कि ओला-पाला सहित अन्य आपदा में केन्द्र से जब नाममात्र की सहायता मिलने के बावजूद वित्त के बेहतर प्रबंधन के चलते हम इन संकटों से निपटने में सफल हो पाए।
हर तीन माह में होगी समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हर तीन माह में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सामूहिक बैठक लेकर विभागवार समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभागों के बजट प्रस्ताव सरकार के विजन डाक्यूमेंट और संकल्प-पत्र के आधार पर बनाए जाएं। मंत्री खुद बजट प्रस्ताव का परीक्षण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जिन बिन्दु को चिन्हित किया गया है उन पर कार्रवाई के लिए सभी विभाग दो सप्ताह में रोड मेप बनाएं।
तीर्थ-दर्शन में मंत्री भी जाएं
धर्मस्व विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि तीर्थ-दर्शन योजना में मंत्रियों, विधायकों को भी श्रद्धालुओं के साथ जाना चाहिए। इस पर मंत्री गुप्ता ने कहा कि विभाग के प्रमुख सचिवों को भी तीर्थ-दर्शन पर भेजा जाए। धर्मस्व मंत्री यशोधरा राजे ने कहा कि हमारे विभाग को मैं और हमारे प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव केवल दो लोग संभाल रहे हैं। इस पर वन मंत्री शेजवार ने कहा कि सबसे पहले इन दोनों को ही तीर्थ-दर्शन पर भेज दो।