भोपाल। इस बार हाईस्कूल और हायर सेकंडरी के परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की तीन राउंड में तलाशी होगी। इसमें जैकेट, जूते, मोजे, टोपी भी उतरवाकर देखे जाएंगे। वहीं तनाव के चलते यदि कोई छात्र बीमार पड़ता है, तो उसका उपचार केंद्र में ही किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक केंद्र पर एक कक्ष उपचार के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डॉक्टरों के संपर्क में रहने को कहा है।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दोनों परीक्षाओं में इस साल 19.20 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। इन छात्रों की परीक्षा के लिए प्रदेश में 3720 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन सभी केंद्रों पर एक-एक कक्ष रिजर्व रखा जाएगा। जिसमें एक बिस्तर भी होगा। वहीं फास्ट एड बॉक्स भी रखा जाएगा। यदि किसी छात्र को घबराहट होती है या चक्कर आते हैं, तो उसे तत्काल चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी। जबकि तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर नजदीक के डॉक्टर को बुलाकर छात्र का इलाज कराया जाएगा। यदि इसके बाद भी छात्र की हालत में सुधार नहीं होता है, तो उसे चिकित्सालय पहुंचाया जाएगा।
पुलिस नहीं शिक्षक लेंगे तलाशी
परीक्षा कक्ष में बैठने से पहले छात्र एवं छात्राओं की तीन राउंड में तलाशी ली जाएगी। पहले मुख्य गेट पर तलाशी होगी और दूसरी कक्ष के अंदर। तीसरी तलाशी परीक्षा शुरू होने के बाद की जाएगी। छात्रों की तलाशी पुरुष शिक्षक तो छात्राओं की तलाशी शिक्षिकाएं लेंगी। कोई भी पुरुष शिक्षक या पुलिसकर्मी छात्राओं की तलाशी नहीं ले सकेगा। तलाशी के दौरान छात्रों के जैकेट, जूते, मोजे, टोपी भी उतरवाने के निर्देश हैं। गौरतलब है कि इससे पहले परीक्षा केंद्रों में गेट पर ही चेकिंग होती थी।
मोबाइल प्रतिबंधित
परीक्षा में मोबाइल, पेजर, कैल्यूकेलटर प्रतिबंधित रहेगा। परीक्षार्थियों के पास मोबाइल बंद भी मिलता है, तो नकल प्रकरण बनाया जाएगा। यह उपकरण परीक्षा शुरू होने से पहले केंद्राध्यक्ष के पास जमा कराने की व्यवस्था भी रहेगी।