भोपाल. रसोई गैस की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना (डीबीटीएल या पहल) से जुड़ने वालों को पहली बार सिलेंडर लेने पर फायदा हो रहा है। दरअसल, उपभोक्ताओं के खाते में जितने पैसे आ रहे हैं, सिलेंडर की कीमत उससे कम चुकानी पड़ रही है। सब्सिडी की रकम और सिलेंडर की कीमत हर जगह अलग है।
फायदे की बात यह है कि खाते में आए ज्यादा पैसे उपभोक्ताओं से वापस नहीं लिए जाएंगे। भोपाल में सिलेंडर बुक करने पर 568 रुपए उपभोक्ता के खाते में और डिलीवरी होने पर सब्सिडी के 298.45 रुपए आ रहे हैं। यानी कुल 866.45 रुपए खाते में जमा हो रहे हैं। उपभोक्ता को सिलेंडर की कीमत 777.50 देनी पड़ रही है। इस तरह से उपभोक्ता को 88.95 रुपए की बचत हो रही है।
वापस नहीं लिए जाएंगे पैसे आईओसीएल के कार्यकारी निदेशक गुरमीत सिंह ने बताया कि परमानेंट एडवांस के तौर पर उपभोक्ता खाते में बच रही राशि निजी उपयोग में ले सकता है। यह रकम उससे वापस नहीं ली जाएगी।
साल में एक बार तय होगी एडवांस की रकम
गैस कंपनियां वित्त वर्ष के शुरू यानी अप्रैल में एडवांस की रकम तय करती हैं। इसे तय करते समय बना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत को ध्यान में रखा जाता है। वर्ष 2013-14 में यह रकम 435 रुपए थी। इस वर्ष एडवांस तय करते समय बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर काफी महंगा था। इसलिए एडवांस की रकम 568 रुपए रखी गई।