मार्च एंडिंग आने को है। करदाताओं को टैक्स सेविंग की चिंता सताने लगी है। ऐसे में टैक्स सेविंग के पहले से चले आ रहे नुस्खों के साथ इस साल कंपनियां कुछ नए तरीके भी मार्केट में लाई हैं, जिनका उपयोग कर आप बहुत आसानी से अपना कमाया हुआ पैसा बचा सकते हैं। विशेषकर उन लोगों के लिए, जिन्होंने अभी तक शेयर मार्केट से जबरदस्त कमाई की है।
करदाताओं के लिए इक्विटी- लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स(ईएलएसएस) काफी फायदेमंद साबित हो रही है तथा उनके द्वारा काफी पसंद की जा रही है। कर विशेषज्ञ सुशील झाबक ने बताया कि इन दिनों यूलिप, पीपीएफ व सीनियर सेविंग स्कीम की तुलना में ईएलएसएस स्कीम को काफी पसंद किया जा रहा है। रिटर्न, सेफ्टी, फ्लेक्सिबिलिटी, टैक्स और कॉस्ट ऑफ इनवेस्टमेंट के आधार पर इन दिनों ईएलएसएस काफी पसंद किया जा रहा है। इसमें रिटर्न ऊंचा है और इंकम टैक्स-फ्री है।
इनवेस्टर अपने इनवेस्टमेंट के समय और रकम में बदलाव कर सकता है। इसमें तीन वर्ष का लॉक-इन सभी टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट्स में से सबसे कम है और कॉस्ट सिर्फ 2-2.5 पर्सेंट सालाना है। अगर आप डिविडेंड ऑप्शन चुनते हैं तो लिक्विडिटी काफी अधिक होती है। अगर इस कैटेगरी में उपलब्ध डायरेक्ट प्लान्स चुनें तो कॉस्ट और कम हो जाती है।
ईएलएसएस को सिर्फ एक बड़ी कैटेगरी के तौर पर न देखें। ईएलएसएस में आपको लार्ज-कैप में इनवेस्ट करने वाली स्कीम्स मिल जाएंगी, जिससे इसमें सेफ्टी बढ़ जाती है। मिड-कैप में पैसा लगाने वाले फंड्स में रिस्क अधिक हो सकता है, लेकिन इनमें फायदे की संभावना भी ज्यादा होती है । रिलायंस टैक्स सेवर फंड में पोर्टफोलियो का लगभग 70 पर्सेंट स्मॉल और मिड-कैप शेयर्स में लगा है।
क्या है ईएलएसएस?
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम शेयर मार्केट में सूचीबद्ध विभिन्ना कंपनियों द्वारा निकाली जाने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम है। इनमें प्रमुख रूप से एचडीएफसी, बिरला, रिलायंस सहित करीब 35 से 40 कंपनियां इस प्रकार के ईएलएसएस स्कीम निकाल रही है।
कैसे होता है फायदा
स्कीम के तहत यह तीन साल का लॉकिंग पीरियड होता है। इसमें करदाता द्वारा अपना पैसा लगाने से तीन साल बाद उसे जितनी भी राशि मिलती है, वह टैक्स फ्री रहती है। ईएलएसस में इनवेस्ट की गई राशि भी करदाताओं द्वारा 1.5 लाख रुपए तक की बचत के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों में शामिल रहता है।