FDI in RAIL: 10 लाख रेल कर्मचारी करेंगे संसद का घेराव

नागपुर। भारत सरकार द्वारा रेलवे में प्रˆयक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लागू करने पर यह परिवार बर्बाद हो जाएगा. रेल कर्मचारी को एफडीआई मंजूर नहीं है. इस बात का एहसास कराने के लिए अप्रैल महीने में होने वाले बजट सत्र के दौरान 10 लाख रेलकर्मी संसद का घेराव करेंगे. यह बात सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के 46वें वार्षिक अधिवेशन में शामिल होने नागपुर आए नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे के महामं˜त्री डा. एम. रƒावैया ने कही. मŠय रेल नागपुर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में आयोजित एक प्रेस का‹फ्रेंस में उ‹न्होंने कहा कि इस ƒघेराव के बाद भी यदि सरकार ने हमारी नहीं सुनी या कोई उचित समाधान नहीं निकाला तो जून-जुलाई में 34 लाख रेलकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

इस हड़ताल में पोस्टल और डिफेंसकर्मी भी हमारे साथ होंगे. इसकी जिम्मेदार सरकार होगी हम नहीं. उ‹न्होने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि रेलवे में एक दिन की हड़ताल से 4000 करोड़ का नुकसान होता है. इसलिए हम जनवरी और फरवरी में जनता को जानकारी देंगे कि हम हड़ताल पर मजबूर €यों हो रहे हैं. मैंने रेलकर्मियों की ओर से रेलमंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात की. उ‹न्हे कहा कि रेलवे में तेजी से विकास कार्य होने ही चाहिए. इसे लिए कंटेनर कार्पोरेशन आफ इंडिया के पास 5500 करोड़ रेल विकास मंडल 4000 और रेल टेल के पास 5 से 6 हजार करोड़ रुपए का भंडार है इन रुपयों को कर्ज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. हमने प्रभु से कहा कि सरकार हमारे पीएफ का इस्तेमाल करें. चाहे तो 13 लाख कर्मचारियों की तनख्वाह से हर महीने 1000-1000 रुपए लोन के रूप काट लें. हम सरकार का आर्थिक सहयोग करने का तैयार हैं लेकिन एफडीआई किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे.
डा. एम. राघवैया महामंत्री

एनएफआईआर समस्याओं का अंबार

भटनागर सीआरएमएस के अŠध्यक्ष आरपी भटनागर ने कहा कि रेलवे में आज समस्याओं का अंबार लग गया है. ‹यू पेंशन स्कीम ने कर्मचारियों का भविष्य अधर में कर दिया रेलवे कालोनी की बदहाली मेडिकल सुविधाओं का भारी अभाव बोनस सीमा तय करना जैसी अनेक समस्याएं हैं. पिछले साल 1623 से ज्यादा रेलकर्मियों ने आन ड्यूटी दम तोड़ा. यह बात स्वयं परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोडकर ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से कही है. पीएम ने एफडीआई के नाम पर ऐसे कर्मियों को भी अपमानित किया है. सीआरएमएस और एनएफआईआर मिलकर सरकार से अपनी मांगों के लिए लडऩे को तैयार है. इससे पहले सीआरएमएस के मंडल सचिव विनोद चतुर्वेदी ने प्रस्तावना रखी. इस अवसर पर मंडल संगठक देबाशीष भट्टाचार्य उपस्थित थे.

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