प्रेस फोटोग्राफर से मारपीट करने वाले अधीक्षक पर FIR

झाबुआ। गत दिनों होस्टल मैं फैली अनियमितता को लेकर प्रेस फोटोग्राफर अजय डामोर को होस्टल अधीक्षक के द्वारा कमरे में बंद कर मारपीट किये जाने केे मामले में मीडियाकर्मियों द्वारा पुलिस कोतवाली पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करने तथा नवागत् कोतवाली टीआई के द्वारा मीडियाकर्मियों के साथ बदसलुकी व्यवहार को लेकर जिलेभर के नाराज कलमकारों ने गुरूवार दोपहर जिला पुलिस अधीक्षक परिसर के बाहर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया।

इसके पूर्व नगर सहित जिले के तहसील एवं दूर दराज से आये सैकड़ों पत्रकारों ने राजगढ़ नाका गरबा ग्राउंड पर एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए रैली निकालकर धरनास्थल पहुंचे। उल्लेखनीय है कि आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने तथा कोतवाली टीआई के व्यवहार को लेकर पत्रकारों ने मंगलवार की शाम पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया था। उसके बावजूद भी पुलिस अधीक्षक द्वारा इसे हल्के में लेते हुए पुलिस की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई थी जिसके विरोध के चलते जिलेभर के पत्रकारों ने एकजुट होकर धरना प्रदर्शन कर पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करने पर मजूबर कर दिया।

हांलाकि धरने के दौरान पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों को समझाबुझाकर किसी भी तरह से धरने को स्थगित करने की पुरजोर कोशिश की पर मीडियार्मियों के तटस्थ्ता के चलते करीब दो तीन घंटे पश्चात मारपीट करने वाले होस्टल अधीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए साथ ही कोतवाली टीआई के व्यवहार को लेकर पुलिस प्रशासन ने अपना खेद व्यक्त करते हुए कहा कि आज के बाद पत्रकारों को इस प्रकार की कोई भी शिकायत नहीं आने दिये जाने का आश्वासन दिया गया।

आम जनता को कैसे मिलेगा न्याय ?
लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करने वाले मीडियाकर्मियों को जब एक प्रेस फोटोग्राफर से मारपीट के एक मामले में आरोपियों के खिलाफ केवल एफआईआर करवाने के लिये ज्ञापन, धरना देना पडा और दो दिन बाद पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करना पुलिस की सुस्त कार्यशैली पर सवालिया निशान खडा करता है। मीडिया का यह हाल है तो आम जनता को पुलिस किस प्रकार न्याय दिलाने में मदद करती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। 

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