भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की आगामी परीक्षाओं में उम्मीदवारों के फिंगर प्रिंट भी लिए जाएंगे। केवल उन्हीं उम्मीदवारों को फिंगर प्रिंट से छूट रहेगी जो परीक्षा फॉर्म में अपना आधार नंबर लिंक करेंगे। आधार कार्ड वाले उम्मीदवारों को कहीं से भी ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा रहेगी लेकिन, जिनके पास आधार नहीं होगा उन्हें कियोस्क के माध्यम से फॉर्म भरना होगा।
इस तरह से होगी शुरुआत
आयोग द्वारा फर्जी परीक्षार्थियों से बचने के लिए सुरक्षा के लिहाज से आगामी परीक्षाओं में यह व्यवस्था करने जा रहा है। दरअसल, आयोग की आगामी परीक्षाएं ऑनलाइन पैटर्न पर ही आयोजित की जानी है। इसकी शुरूआत प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली पदों पर भर्ती के लिए प्रस्तावित परीक्षा से की जा रही है। पिछली गड़बडिय़ों से सबक लेकर आयोग ने अपनी परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए इसे ऑनलाइन पैटर्न पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए आयोग ने सख्त नियम बनाए हैं।
ऑनलाइन परीक्षा के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं
आयोग के सचिव मनोहर दुबे के अनुसार अन्य ऑनलाइन परीक्षाओं की स्टडी की जा रही है। ऑनलाइन परीक्षा के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। जनवरी के आखिरी सप्ताह तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही पेपर पैटर्न को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उसी फर्म को दी जाएगी जिसे एक शिफ्ट में दस हजार परीक्षार्थियों की एक साथ परीक्षा आयोजित कराने का अनुभव होगा। आयोग द्वारा पहली बार ऑनलाइन परीक्षा करायी जा रही है। यह परीक्षा ठीक आईआईटी, जेईई-मेन, केट आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के तर्ज पर होगी।
परीक्षार्थी को ई-मेल से मिलेगी हल की हुई आंसर शीट
नए पैटर्न में सिक्यूरिटी का ध्यान शुरू से ही रखा जा रहा है। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी द्वारा तय गाइडलाइन को फालो किया जा रहा है। परीक्षार्थी को सवाल हल करने के लिए तय समय दिया जाएगा। विकल्प का चयन करने के बाद एक निर्धारित समय के बाद आंसर ऑटोमैटिकली लॉक हो जाएगा। आयोग परीक्षार्थी को परीक्षा के एक या दो दिन बाद उस पेपर की आंसर शीट और मॉडल आंसर की कॉपी ई-मेल से भेज देगा जो उसने हल किया है।
पेपर लीक हुआ तो दो करोड़ रुपए का जुर्माना
इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद पेपर लीक की घटना होने पर दोषी के खिलाफ सीधे दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा रहा है। साथ ही उम्मीदवार के मार्क कैलकुलेट करने में गड़बड़ी होने पर एक करोड़ रुपए प्रति कैंडिडेट संबंधित कंपनी से भी वसूले जाएंगे। यही नहीं परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी पर भी इतनी ही राशि का जुर्माना लगाया जाएगा। परीक्षा के दौरान यदि किसी तकनीकी समस्या के कारण परीक्षा में देरी होती है तो एक लाख रुपए की पैनल्टी का प्रावधान किया गया है। आधे घंटे के बाद यह राशि दोगुनी हो जाएगी। इसी तरह यदि परीक्षा तय समय से एक घंटे की देरी से शुरू होगी तो भी फर्म के खिलाफ एक लाख रुपए की पैनल्टी लगायी जाएगी।