नई दिल्ली। भारतवंशियों को कई सौगातें देने के बाद केंद्र सरकार अब उन्हें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मतदान का अधिकार भी दे सकती है। इसके लिए वह एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने जा रही है। सरकार प्रवासियों को मतदान का अधिकार प्रदान करने पर पहले ही अपना रुख तय कर चुकी है। इस सप्ताह वह सुप्रीम कोर्ट को बताएगी कि वह प्रवासी भारतीयों के लिए ई-बैलेट सहित समिति की सिफारिशों को स्वीकार करती है।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आएगा जहां सरकार अपनी स्थिति विस्तार से बताएगी। निर्वाचन आयोग, विधि मंत्रालय व विदेश मंत्रालय के अधिकारियों वाली समिति ने पिछले साल शीर्ष न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले सभी वर्गों से उनके विचार जाने थे।
प्रवासी भारतीयों को रक्षा कर्मियों की तरह प्रोक्सी वोटिंग और ई-बैलेट की सुविधा मुहैया कराने के लिए कानून में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी। इस प्रस्ताव के अनुसार, प्रवासी भारतीयों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बैलेट पेपर भेजे जाएंगे और उन्हें डाक से निर्वाचन प्रशासन को इन्हें वापस करना होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत ने हाल ही में कहा था कि विदेश मंत्रालय के प्रवासी भारतीयों को दूतावासों में जाकर मतदान करने की इजाजत देने के विचार का विरोध किया गया है क्योंकि ऐसा करना काफी मुश्किल होगा। मंत्रालय का कहना था कि कुछ देशों में प्रवासी भारतीयों की संख्या स्थानीय आबादी के बराबर हो सकती है और दूतावास में इस प्रकार की गतिविधि को अंजाम दे पाना आसान नहीं होगा।