
कांग्रेस के ब्लॉक इकाई अध्यक्ष हेमंत शेट्टी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की अपील को यह कहकर नज़दरअंदाज़ कर दिया कि 'इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.'
'संविधान विरुद्ध'
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष जनार्दन पुजारी ने बीबीसी को बताया, "कांग्रेस कभी भी हिंदू, मुसलमान या ईसाइयों की पार्टी नहीं रही. किसी भी धर्म के हों हम सब भारतीय हैं." उन्होंन कहा, "अगर मैं प्रदेशाध्यक्ष होता तो मैं उन्हें पार्टी से निकाल देता. उनकी हरकतें पार्टी संविधान और भारतीय संविधान के विरुद्ध हैं."
लेकिन शेट्टी का कहना है, "हम पार्टी के विरुद्ध नहीं जा रहे हैं. हम समाज का विश्वास जीतना चाहते हैं और यह बताना चाहते हैं कि विश्व हिंदू परिषद जिस तरह का हिंदुत्व परोस रहा है वह सही नहीं है. यह हिंदू समाज का सम्मान नहीं बढ़ाता."
शेट्टी ने स्थानीय मीडिया में उनके नाम से छपे उस बयान का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि वह बीएचपी का गठन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कांग्रेस ने मुसलमानों और ईसाइयों को लुभाने के लिए हिंदुओं को किनारे कर दिया है.
वह कहते हैं, "कांग्रेस में सभी समुदायों के लोग हैं. लेकिन ऐसी भी बात नहीं है कि अगर कोई हिंदू कांग्रेस में है तो उसे हिंदुत्व को छोड़ देना चाहिए."
राज्य के पार्टी उपाध्यक्ष, बीएल शंकर, ने कहा, "हिंदू सभी राजनीतिक दलों में हैं. यह कहना ग़लत होगा कि आरएसएस या बीजेपी हिंदुओं की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. बहुत सारे हिंदू ऐसे हैं जो आरएसएस या बीजेपी से जुड़ाव महसूस नहीं करते."