जबलपुर। जबलपुर के होनहार युवा केएस मलिक का शव जब जबलपुर पहुंचा तो हर आंख नम थी। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि मलिक अब उनके बीच नहीं हैं। शव जैसे ही घर पहुंचा, पत्नी बदहवास हो गईं। इस दौरान जब वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचे तो पत्नी अर्णिमा ने मार्मिक गुहार लगाई कि ऐसा कोई नियम बनाया जाए कि अधिकारी को नौकरी के लिए उसके घर से दूर न भेजा जाए।
अर्णिमा ने बताया कि उन्होंने डीजीपी सुरेन्द्र सिंह से चर्चा कर अवगत कराया है कि उनके पति को लगातार धमकियां मिल रही थीं, इसकी शिकायत पूर्व में एसपी अनुराग शर्मा से की गई थी। हादसे से सहमे मलिक के बच्चे कह रहे थे कि कुछ दिन पहले पापा आए थे, उनसे रुकने को कहा तो वे चुनाव की व्यस्तता बताते हुए चले गए।
अगर वे रुक गए होते तो यह हादसा टल सकता था। गौरतलब है कि सोमवार को पृथ्वीपुर के टीआई प्रमोद चतुर्वेदी ने एसडीओपी केएस मलिक को गोली मारकर खुद आत्महत्या कर ली थी।
न एंबुलेंस मिली न फ्रीजर
स्वर्गीय मलिक की पार्थिव देह को लेकर जबलपुर पहुंचे परिजनों ने कहा कि टीकमगढ़ में उन्हें प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिला। शव को रखने वहां पर न तो फ्रीजर उपलब्ध कराया गया, न ही पार्थिव देह को जबलपुर लाने के लिए एम्बुलेंस मिली। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार स्वर्गीय मलिक का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह दस बजे ग्वारीघाट में किया जाएगा।
टीआई के भतीजे ने भी लगाया प्रताड़ना का आरोप
जिला अस्पताल में सुबह पृथ्वीपुर टीआई प्रमोद चतुर्वेदी का पोस्टमार्टम हुआ। उनका शव लेने के लिए परिजन ग्वालियर से टीकमगढ़ पहुंच गए थे। पोस्टमार्टम के दौरान टीआई के भतीजे योगेद्र चतुर्वेदी ने कहा एसडीओपी उनके विभागीय कार्य में दखल पैदा कर रहे थे। चाचा छुट्टी पर रहते थे और थाने के रोजनामचे में कुछ भी डाल दिया जाता था। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मंगलवार को टीआई चतुर्वेदी का ग्वालियर में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मलिक की टेबल पर मिली जांच रिपोर्ट
सीआईडी आईजी अनुराधा शंकर और सागर आईजी पंकज श्रीवास्तव ने मंगलवार सुबह 11 बजे दोबारा घटना स्थल और थाने पहुंचकर स्टाफ के बयान लिए। इस दौरान मलिक की टेबल पर टीआई के खिलाफ जांच के तीन-चार प्रतिवेदन ऐसे मिले हैं, जिन्हें वे एसपी को भेजने वाले थे।