भोपाल। जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय और विकासखण्ड-स्तरीय मॉडल स्कूल के प्राचार्यों को आगामी माह होने वाली वार्षिक परीक्षाओं में सौ फीसदी परीक्षा परिणाम प्राप्त करने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। प्राचार्यों से कहा गया है कि वे यदि कुछ बिन्दु पर ध्यान दें तो विद्यार्थियों के मेरिट-सूची में स्थान पाने के साथ ही सौ फीसदी परीक्षा परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।
प्राचार्यों से कहा गया है कि वे खराब प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों का चिन्हांकन कर सूची तैयार करें। शिक्षकों को सूची के अनुसार विद्यार्थी आवंटित कर उन्हें गुणवत्ता उन्नयन का दायित्व सौंपने को कहा गया है। प्रतिदिन शिक्षकों की बैठक में विद्यार्थियों की प्रगति की चर्चा कर निर्णय को कहा गया है। विद्यार्थियों के लिये रेमेडियल कक्षाओं का संचालन कर उनका नियमित अवलोकन भी करने को कहा गया है।
शिक्षकों से कहा गया है कि छ:माही परीक्षा परिणाम के आधार पर परीक्षा में असफल अथवा खराब प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों का चिन्हांकन करें। विद्यार्थी के लिये शिक्षक, पालक के रूप में नामित हो ताकि असफल/खराब प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से सम्पर्क कर उनकी पृष्ठभूमि से अच्छी तरह अवगत होकर गुणवत्ता उन्नयन के प्रयास किये जा सके। असफल/खराब प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों की सूची प्राचार्य की टेबल पर रखी जाये। प्रतिदिन कुछ विद्यार्थियों से शैक्षिक चर्चा की जाये। परीक्षा के दौरान ऐसे विद्यार्थियों के सतत सम्पर्क में रहकर परीक्षा दिवस पर पेपर के पहले और बाद में उनका मनोबल बढ़ाया जाये। इन प्रयासों के बावजूद प्री-बोर्ड परीक्षा में सुधार न दिखे तो ऐसे विद्यार्थियों के लिये प्रत्येक विषय में आने वाले संभावित एवं कुछ आसान प्रश्नों के उत्तर सहित सामग्री उपलब्ध करवाई जाये।
विशेष (मेरिट योग्य) विद्यार्थियों का चिन्हांकन कर उनकी सूची प्राचार्य सहित सभी विषय के शिक्षक के पास होनी चाहिये। उनके अभिभावकों से सम्पर्क कर विद्यार्थियों को और प्रोत्साहित करने का आग्रह किया जाये तथा 85 प्रतिशत या अधिक अंक आने पर राज्य शासन की प्रोत्साहन योजना की जानकारी दी जाये। प्रोत्साहन योजना में लेपटॉप के लिये ऐसे विद्यार्थियों को विषय शिक्षकों एवं प्राचार्य द्वारा प्रतिदिन मार्गदर्शन देकर यदि जरूरत हो तो अतिरिक्त शैक्षणिक सामग्री के लिये शाला विकास निधि या अन्य स्थानीय निधि से सहायता दी जाये।