हमारे यहां यह बात हमेशा कही जाती है कि समुद्र में अकूत संपदा मौजूद होती है, लेकिन शायद ये नहीं होगा कि सोने-चांदी और प्लैटिनम जैसी बहुमूल्य धातुएं भी समुद्र में छुपी होती हैं. हां यह सुनकर आप भी अचरज में पड़ गए होंगे लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है. इसका प्रमाण केंद्र सरकार के पास उपलब्ध है.
खनन की पूरी तैयारी लगभग कर चुकी
हिंद महासागर तल के 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने, चांदी और प्लैटिनम जैसे खनिजों के गड़े होने की खबरें आ रही हैं. सबसे खास बात तो यह है कि केंद्र सरकार इनके खनन की पूरी तैयारी लगभग कर चुकी है. बहुत जल्द ही इन धातुओं के खनन का काम शुरू हो जाएगा. खनन की तैयारी में केंद्र सरकार जुटी है. केंद्र सरकार हिंद महासागर तल के तल में छुपे इस सोने, चांदी और प्लैटिनम जैसे बहुमूल्य खनिजों का दोहन करने के लिए भू-विज्ञान मंत्रालय से पूरी तरह से विचार विमर्श कर चुकी है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण के साथ अनुबंध को अंतिम रूप देने में जुटी है.
विज्ञान सम्मेलन में शिरकत करने आए
इस पूरे मामले में राष्ट्रीय अंटार्कटिक और समुद्री अनुसंधान केंद्र के निदेशक एस. राजन इन दिनों पणजी में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय विज्ञान सम्मेलन में शिरकत करने आए हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि जमैका के ISA के कानूनी और तकनीकी आयोग ने भी सरकार को अनुमति दे दी है. राजन ने यह भी यह भी कहा कि हिंद महासागर का मध्य और दक्षिण में पश्चिमी हिस्सा सोने, चांदी, प्लैटिनम, पैलाडियम, तांबा, शीशा और जस्ता जैसी बहुमूल्य धातुओं से भरा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसकी खुदाई को हरी झंडी दे देगी.