भोपाल। राजधानी में एक बैंककर्मी की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। यहां के 2 प्रख्यात प्रतिष्ठान अग्रवाल अस्पताल एवं नेशनल अस्पताल में उसका इलाज नहीं किया जा सका। अब अपना फेलियर छिपाने के लिए अस्पताल मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रहे हैं।
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया क्लीयरिंग हाउस में कार्यरत रवि कुमार शर्मा की आज मौत हो गई। वह स्वाइन फ्लू से पीड़ित थे। पिछले एक हफ्ते से राजधानी के नेशनल अस्पताल में भर्ती थे। इससे पहले उनका इलाज अग्रवाल अस्पताल में चल रहा था लेकिन अग्रवाल अस्पताल का मंहगा इलाज भी रवि की हालत में सुधार नहीं ला पाया। हालत बिगड़ने की वजह से उन्हें नेशनल अस्पताल रेफर कर दिया गया था। यहां भी मंहगा इलाज हुआ लेकिन रवि की जान नहीं बचाई जा सकी। अब दोनों अस्पताल अपना फेलियर छिपाने के लिए मामले में लीपापोती कर रहे हैं। अग्रवाल अस्पताल का कहना है कि परिजन अपनी मर्जी से रवि को नेशनल अस्पताल ले गए थे जबकि नेशनल अस्पताल का कहना है कि परिजन अपनी मर्जी से रवि को घर ले गए थे।
अब आप ही बताइए, यदि इलाज मिल रहा होता और लाभ हो रहा होता तो कोई क्यों अस्पताल बदलता और क्या कोई मौत के मुंहाने तक पहुंच चुके मरीज को लाखों खर्च कर देने के बाद बिना इलाज कराए घर ले जाएगा।