भोपाल। मप्र शासन का टैक्स चाबुक लगातार जारी है। पेट्रोल/डीजल पर टैक्स बढ़ाकर मंहगाई बनाए रखने के बाद अब बिजली की कीमतों में बढ़ोत्ती की तैयारी चल रही है। यदि यह बढ़ोत्तरी हुई तो मप्र के सामान्य परिवार पर कम से कम 350 रुपए प्रतिमाह का बोझ बढ़ जाएगा। इसकेे इतर करोड़पति कारोबारियों को दी जाने वाली बिजली की कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी।
बिजली कंपनियों ने आम उपभोक्ताओं और किसानों पर सितम ढ़ाते हुए इन्हीं दो क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दाम बढ़ाने की मांग की है जबकि उद्योगों को दी जाने वाली बिजली की दर में मामूली बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। बिजली कंपनियां चाहती हैं कि घरेलू बिजली दरों में 22.96 प्रतिशत तथा कृषि सिंचाई पंप की बिजली दर में 24.59 प्रतिशत की वृद्धि कर दी जाए। निम्न दाब उद्योग के लिए मात्र 12 तथा बड़े उद्योगों के लिए 17.96 फीसदी वृद्धि की मांग की गई है।
मप्र विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत वितरण कंपनियों के प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि प्लान को सार्वजनिक करते हुए दावे-आपत्तियां तथा सुझाव आमंत्रित किए हैं। इन प्रस्तावित प्लान पर आयोग को 9 मार्च तक दावे-आपत्तियां और सुझाव दिए जा सकते हैं। प्रस्तावित दाम बढ़ोतरी प्लान में कंपनियों ने आम उपभोक्ताओं की कमर ही तोड़ दी है।
कंपनियों ने घरेलू बिजली दर में 22.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बल्क के आवासीय बिजली कनेक्शन में 32.14 प्रतिशत की वृद्धि मांगी है। खेतों में सिंचाई के लिए किसानों से निम्न दाब में 24.58 तथा उच्च दाब में 39.27 प्रतिशत दर वृद्धि की मांग की गई है। जलप्रदाय संयंत्रों तथा स्ट्रीट लाइट के दाम में 28.58 तथा उच्च दाब वाले जलप्रदाय संयंत्रों के लिए 39.27 फीसदी वृद्धि प्रस्तावित है। जल प्रदाय संयंत्रों की बिजली के दाम बढ़ने से इसका सीधा भार टैक्स के रूप में आम जनता पर ही पड़ेगा।
घरों की बिजली महंगी कर कमाएंगे 1353 करोड़
बिजली कंपनियों ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि वे घरेलू बिजली के दाम बढ़ा कर आम उपभोक्ता से एक साल में करीब 1353 करोड़ रुपए अधिक कमाएंगे। इसी तरह सिंचाई पंप के लिए बिजली दाम में वृद्धि कर किसानों से 1862 करोड़ रुपए ज्यादा कमाए जाएंगे। जबकि उच्च दाब बिजली का उपयोग कर रहे उद्योगों से होने वाली कमाई 659 करोड़ की आय बढ़ेगी।
प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि
प्रकार वृद्धि (%)
बल्क आवासीय 32.14
जल प्रदाय संयंत्र 28.86
कृषि पंप 24.58
घरेलू 22.86
उच्च दाब उद्योग 17.96
निम्नदाब उद्योग 12.93