ग्वालियर। सिंधिया नगर की पहाड़ी के जंगली हिस्से में नीम के पेड़ पर युवक का शव फांसी पर लटका मिला है। शव करीब 4 दिन से लटका था। पहाड़ी पर आने वाले उसे पुतला समझते रहे।
रविवार को लकड़ी बीनने आई महिला ने पास जाकर देखा तब पता चला वह पुतला नहीं युवक का शव है, लेकिन फिर उसे नीचे नहीं उतारा जा सका। जंगल का यह हिस्सा झांसी रोड और विश्वविद्यालय थाने की हद में आता है तो करीब 2 घंटे तक दोनों थाने की पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों की हिदायत पर विश्वविद्यालय पुलिस ने कार्रवाई की।
पुलिस के मुताबिक मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के सामने पहाड़ी की चोटी पर रविवार दोपहर करीब 2 बजे युवक का शव पेड़ पर लटका मिला। उस पर नजर जंगल में लकड़ी बीनने आई पारस विहार कॉलोनी निवासी कृष्णा की पड़ी। मृतक करीब 35-38 वर्ष के बीच का है। उसने साफी से फांसी लगाई। शव करीब 4 दिन से लटका हुआ था इसलिए सूख कर काला पड़ गया। तमाम कोशिश के बाद मौके पर पहुंचे लोग उसे नहीं पहचान सके। मृतक के शरीर पर स्लिेटी रंग का कुर्ता, जैकेट और पैरों में प्लास्टिक के जूते थे।
पुलिस का कहना है शव के पास हनुमान चालीसा की किताब मिली है, इससे लगता है मृतक धार्मिक प्रवृति का रहा है। उसने खुदकुशी से पहले हनुमान चालीसा पढ़ा होगा।
पहाड़ी पर लकड़ी बीनने और मवेशी चराने वाले करीब 4 दिन से दूर से देख रहे थे। शव पहाड़ की चोटी पर था तो वहां तक जाना किसी ने मुनासिब नहीं समझा। देखने वालों ने दूर से यही कयास लगाया पेड़ पर पुतला टंगा है। लोगों का कहना है पारस विहार कॉलोनी में पेड़ पर पुतला टंगा होने का मुद्दा चर्चा का विषय भी रहा।
शव जमीन से करीब 50 फीट की ऊंचाई पर था। इसलिए लोग पहाड़ी पर चढऩे से गुरेज करते रहे।
बस्ती की महिलाएं गुरुवार से पहाड़ी पर पुतले के बारे में बातें कर रही थीं। रविवार को लकड़ी बीनने आए तो दूर से पेड़ पर लटके शव को देखा। बिल्कुल पुतला लग रहा था, लेकिन लकड़ी बीनते हुए पहाड़ी पर चढ़ी तो कुछ बदबू आई। इसलिए पास आकर देखा युवक के हाथ और पांव में बाल दिखे तब समझ में आया किसी ने यहां आकर फांसी लगाई है।
कृष्णा बाई निवासी पारस विहार कॉलोनी