ग्वालियर। 2 साल पहले महलगांव पहाड़ी पर 5 हजार पौधे लगाकर जिला प्रशासन, नगर निगम और रोटरी क्लब युगल नाम की सामाजिक संस्था ने खूब वाहवाही लूटी थी। इसके लिए कलेक्टर पी. नरहरि का भी खूब स्वागत-सम्मान हुआ, लेकिन वे पौधे आज देखभाल के अभाव में दम तोड़ चुके हैं।
जिला प्रशासन और नगर नगिम ने इन पौधों की देखभाल का जिम्मा रोटरी क्लब को सौंपकर इतिश्री कर ली। एक बार भी जिला प्रशासन और नगर निगम ने इन 5 हजार पौधों का हाल नहीं जानना चाहा।
हालांकि अब यह मामला कलेक्टर के नोटिस में आया है और वह पौधों को मृत अवस्था में पहुंचाने के लिए जिम्मेदारों पर एक्शन लेने की तैयारी कर रहे हैं। पौधों के मरने के लिए सबसे पहले उस सामाजिक संस्था को दोषी माना जा रहा है, जिसने पौधों की देखभाल के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ एमओयू साइन किया था। आरोप है कि एमओयू साइन तो किया, लेकिन उस पर अमल नहीं। इसलिए 5 हजार पौधें बड़े होने से पहले ही मर गए।
हरियाली महोत्सव के तहत कलेक्टर पी.नरहरि को फरीदाबाद की एक सामाजिक संस्था सहित कई अन्य संस्थाओं ने सम्मानित किया था। इसके अलावा भी हरियाली के क्षेत्र में अच्छे काम के लिए कलेक्टर नरहरि सम्मानित होते रहे हैं। इस वजह से भी स्वयं कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सूत्रों के अनुसार सोमवार या मंगलवार तक जिम्मेदार सामाजिक संस्था के तात्कालीन और वर्तमान पदाधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
करीब 10 लाख के पौधे खरीदे थे
नगर निगम ने महलगांव पहाड़ी पर ये पौधे लगाए थे। संख्या 5 हजार थी और एक-एक पौधे की कीमत निगम के अधिकारियों के मुताबिक 200 से 500 रुपए तक थी। इस प्रकार न्यूनतम कीमत भी इन पौधों की लगाएं तो इन्हें खरीदने में नगर निगम ने 10 लाख रुपए से अधिक पैसा खर्च किया होगा। इसके साथ ही इन्हें पानी देने के लिए टैंकरों का भुगतान अलग से किया गया है। हकीकत में कितने रुपयों की बर्बादी हुई है, जल्द ही कलेक्टर द्वारा कराई जा रही जांच में सामने आ जाएगा।
इन्होंने ली थी देखभाल की जिम्मेदारी
पौधों की देखभाल का जिम्मा उठाने के लिए नगर निगम और प्रशासन से एमओयू रोटरी क्लब युगल ने साइन किया था। तब इसके अध्यक्ष सुदेश घोड़के और पत्नी अनुराधा घोड़के थीं। इन्हें नोटिस जारी हो सकता है। खबर यहां तक है कि इनके खिलाफ अमानत में खयानत का केस तक दर्ज हो सकता है। इसके साथ ही इस संस्था के वर्तमान अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को भी नोटिस जारी हो सकते हैं।
निगम ने पानी नहीं दिया, हम क्या करते
इस मामले पर रोटरी क्लब युगल के फाउंडर मेंबर सुदेश और तात्कालिन अध्यक्ष अनुराधा घोड़के का कहना है कि नगर निगम ने उस पहाड़ी पर बोरिंग कराके नहीं दी। पानी के टैंकर नहीं दिए। इसलिए पौधे मर गए। बिना पानी हम देखभाल कैसे करते। हमने पौधों की रखवाली के लिए चौकीदार दिया, लेकिन निगम के अमले ने फेसिंग तक नहीं कराई और स्थानीय लोग पौधों को उखाड़ ले गए।
सब निगम कर देता तो MOU फोटो खिंचाने के लिए साइन किया था
इस संबंध में नगर निगम के पार्क अधिकारी मुकेश बंसल ने बताया कि घोड़के दंपति अपनी जिम्मेदारी से मुकर गए हैं। हमने उनके लिए गड्ढे खुदवाए, लेबर दी, बोर्ड लगवाया। वो सब किया जो इन्होंने मांगा, लेकिन इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं उठाई। कई बार टोका, पौधे मर रहे हैं, लेकिन इन्होंने कुछ नहीं किया। चौकीदार देने की बात भी झूठी है। अब सब निगम कर देता तो देखभाल का जिम्मा इन्होंने क्या सिर्फ फोटो खिचाने के लिए उठाया था।