नई दिल्ली। राजधानी समेत कुछ दूसरे राज्यों में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों की नए सिरे से जांच कराने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसआईटी के गठन का आदेश जारी कर दिया है। यह एसआईटी सिख विरोधी दंगों पर छह महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
इस तीन सदस्यीय विशेष जांच दल में इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) रैंक के दो अधिकारी शामिल होंगे, जबकि तीसरा एक न्यायिक अधिकारी होगा। हालांकि सरकार ने अभी एसआईटी के इन तीन सदस्यों के नामों का ऐलान नहीं किया है। केंद्र सरकार ने एसआईटी का गठन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस जी. पी. माथुर कमिटी की सिफारिशों के आधार पर किया है। जस्टिस माथुर कमिटी सिख विरोधी दंगों की दोबारा जांच की संभावनाओं का पता लगाने के लिए बनाई गई थी। कमिटी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पिछले महीने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें दंगों की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी बनाने की सिफारिश की गई थी।
बीजेपी ने इससे पहले इन दंगों से जुड़े सभी मामलों की जांच नए सिरे से करवाने की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि दंगों की जांच के लिए पूर्व में बने जस्टिस नानावती आयोग ने पुलिस द्वारा बंद किए गए 241 में से केवल 4 मामलों को नए सिरे से खोलने की जरूरत बताई थी, लेकिन बीजेपी की मांग थी कि बाकी सभी 237 मामलों की भी नए सिरे से जांच होनी चाहिए। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि जस्टिस माथुर कमिटी ने अपनी सिफारिशों में इनमें से कितने मामलों को दोबारा खोलने की सिफारिश की है।