दतिया। लोस में जिले का प्रतिनिधित्व एक नहीं दो सांसद कर रहे हैं पर दोनों में से किसी ने भी सांसद निर्वाचित होने के 9 महीने बाद जिले के विकास के लिए एक पैसा नहीं दिया। यह स्थिति जब है तब दोनों सांसद उस पार्टी से है जिसकी केन्द्र व राज्य में सरकार है। मालूम हो कि दतिया भिंड-दतिया संसदीय क्षेत्र में आने से यहां से डॉ. भागीरथ प्रसाद सांसद हैं तथा बड़ौनी तहसील के 28 गांव ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में है यहां से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सांसद हैं। सांसद डॉ. प्रसाद का कहना है कि वह जल्द ही दतिया रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए सांसद निधि से बैंच लगवाएंगे।
नवंबर में केन्द्र सरकार ने रिलीज कर दी थी सांसद निधि
केन्द्र सरकार ने सांसद निधि की पहली किस्त ढाई करोड़ रुपए नवंबर माह में रिलीज कर सांसदों के नोडल जिलों में भेज दी थी। सांसद निधि प्राप्त होने के 3 महीने बाद भी भिंड-दतिया सांसद भागीरथ प्रसाद व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दतिया जिले से जुड़े संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा।
राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने दिए थे 1.68 करोड़ रुपए
राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने दतिया जिले में विकास कार्यों के लिए साल 2014 में सांसद निधि से 1.68 करोड़ रुपए दिए थे। इनमें सबसे ज्यादा राशि सेंवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में दी गई।
प्रसाद ने किए थे जनता से बड़े वादे
लोकसभा चुनाव के दौरान डॉ. प्रसाद ने जिले के मतदाताओं से बुनियादी सुविधाओं के साथ दतिया के विकास को अधिक गति देने केन्द्र सरकार से बड़े प्रोजेक्ट स्वीकृत कराने, युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने आदि वादे किए थे पर वादों पर काम शुरू नहीं हुआ।
विकास की योजना बनाकर भूले सांसद
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह सांसद निर्वाचित होने के बाद पहली बार जब 28 गांव क्षेत्र के भ्रमण पर आए तो बाद में उन्होंने इन गांवों के विकास के लिए तत्कालीन कलेक्टर एमआर रघुराज के साथ बैठक कर अलग से कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। बाद में उन्होंने भी 28 गांवों की सुध नहंीं ली।
सांसद कहां खर्च कर सकते हैं राशि
लोकसभा सांसद : अपने संसदीय क्षेत्र में एक साल में पांच करोड़ रुपए।
राज्यसभा सांसद : जिस राज्य से निर्वाचित हो उस राज्य में कहीं भी एक साल में 5 करोड़।
मनोनीत सांसद : पूरे देश में कहीं भी एक साल में 5 करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च कर सकते है।
यह है क्षेत्र की बड़ी समस्याएं
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लोगों को बुनियादी सुविधाएं सड़क, बिजली, पानी की दरकार है। गांवों में कई नल जल योजनाएं बंद है, कई गांवों तक सड़क नहीं पहुंची।
मंगरौल क्षेत्र में 18 गांव सिंचाई सुविधा से वंचित है।
सेंवढ़ा एवं भांडेर के कई गांव अब तक पक्की सड़क से नहीं जुड़े इसलिए ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी होती है, ग्रामीण विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करते हैं।
गांवों में नल-जल योजनाएं कई सालों से बंद पड़ी है, ग्रामीण आवादी को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है।
जिले के पर्यटन स्थलों का विकास नहीं होने से पर्यटन उद्योग का रूप नहीं ले पा रहा।
सांसद तथा उनका क्षेत्र
डॉ. भागीरथ प्रसाद : भिंड-दतिया-सम्पूर्ण भिंड एवं दतिया का दतिया, सेंवढ़ा व भांडेर विधानसभा क्षेत्र।
नरेन्द्र सिंह तोमर, ग्वालियर-करैरा विधानसभा के दतिया में 28 गांव शामिल हैं।