भोपाल। तनाव भरी लाइफ में सुकून की नींद नहीं आना भी एक बीमारी हो गई है। यदि आप ऐसी ही खर्राटे, नींद में बोलने और नींद में चलने जैसी बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। भोपाल के एम्स में मार्च के पहले सप्ताह से मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी स्लीप लैब शुरू हो जाएगी।
छह बेड वाली इस स्लीप लैब में नींद की बीमारियों का सस्ते में इलाज किया जाएगा। एम्स भोपाल की लैब देश की बड़ी स्लीप लैब में भी शुमार होगी। इसमें दो बेड वयस्कों व दो बच्चों के लिए होंगे। दो बेड फोर्डेबल रहेंगे। उन्हें किसी के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। वर्तमान में हमीदिया में केवल एक बिस्तर की स्लीप लैब है। लेकिन उसका संचालन भी नियमित रूप से नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि एम्स दिल्ली सहित कई बड़े संस्थानों में भी 6 बिस्तरों की ही स्लीप लैब है।
रात में होगा बीमारी का एनालिसिस
नींद से जुड़ी बीमारियों के एनालिसिस के लिए मरीजों को दो दिन अस्पताल में रखा जाएगा। रात में उपकरणों से जोड़कर मरीज को सुलाया जाएगा। इससे पता चलेगा कि मरीज को खर्राटे आने के क्या कारण हैं। इसके अनुसार मरीजों को इलाज किया जाएगा।
खतरनाक हो सकते हैं खर्राटे
नींद की बीमारियों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। सोते समय जब मरीज सांस नहीं ले पाता है, तो उसे खर्राटे आते हैं। शरीर में पर्याप्त आक्सीजन नहीं पहुंचने से हार्ट अटैक या लकवा हो सकता है।
लैब बनकर तैयार
एम्स की स्लीप लैब बनकर तैयार हो गई है। इसे न्यूरोलॉजिस्ट व श्वांस संबंधी रोग विशेषज्ञ मिलकर संचालित करेंगे। मार्च के पहले सप्ताह तक लैब काम करने लगेगी। लैब में मरीजों को दो दिन रखा जाता है। निजी अस्पतालों में एक रात भर्ती रखने पर 20 से 25 हजार रुपए खर्च आता है। एम्स में नाम मात्र का शुल्क वसूला जाएगा। अभी अंतिम दरें तय नहीं की गई हैं।
प्रदेश की सबसे बड़ी लैब
स्लीप लैब लगभग तैयार हो गई है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी स्लीम लैब होगी। इसमें नींद से जुड़ी बीमारियों का उपचार होगा।
डॉ. अभिषेक गोयल, असिस्टेंट प्रोफेसर, पल्मोनरी मेडिसिन एंड टीबी विभाग, एम्स भोपाल