ATM ने जेल जाने से बचाया

shailendra gupta
भोपाल। यहां हत्या के प्रयास के एक मामले में एफआईआर में दर्ज आरोपी को एटीएम और मोबाइल लोकेशन ने बचा लिया नहीं तो आज वो सलाखों के पीछे होता। एफआईआर में घटना स्थल भोपाल बताया गया है जबकि एटीएम रिकार्ड से पता चला कि आरोपी तो सतना में था। मोबाइल लोकेशन भी सतना में ही थी।

आज मंगलवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस ने बताया कि 13 जनवरी 2015 को रिटार्यड डीजीपी दिनेश चंद्र जुगरान के घर के बाहर शेख अनवर निवासी ऋ​षि नगर चार इमली और बुद्धे भूषण को गोली लगने की सूचना मिली थी, इस सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों का उपचार के लिए 1250 में भर्ती कराया था।

इस प्रकरण की बारिकी से विवेचना के दौरान उजागर हुआ कि फरियादी जिस मुकेश जैन पर हमला करने की बात कह रहे हैं, उसकी मौजूदगी भोपाल में नहीं थी। उसकी उपस्थिति उचेहरा कॉलेज में पाई गर्इ् थी एवं उनके द्वारा घटना के समय सतना में एटीएम से रुपए निकाले गए थे, ये तथ्य सामने आने पर शेख अनवर द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट संदिग्ध लगी।

इसकी विवेचना करने पर पता चला कि अनूप सिंह, अमित सिंह नवीन गोस्वामी और शेख अनवर ने डॉ.मुकेश जैन से बदला लेने की नीयत से अपने उपर गोली लगने की बात कही थी। फिलहाल सभी आरोपियों शेख अनवर, अनूप सिंह, नवीन गोस्वामी, अखिलेश विश्वकर्मा और रोबिन जोसेफ को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों का है रिकार्ड
आरोपी अनूप सिंह के खिलाफ 14 अपराध, नवीन गोस्वामी के खिलाफ 5 अपराध, अमित सिंह के खिलाफ लूट एवं चोरी के अपराध, अखिलेश विश्वकर्मा और रोबिन जोसेफ के खिलाफ भी भोपाल शहर में कई अपराध दर्ज है। पुलिस का कहना है कि शातिर अपराधी होकर संगठित गिरोह चलाकर चोरी, लूट एवं गोलीकांड करते हैं।

क्या था मामला
चूनाभट्टी में पूर्व डीजीपी के घर के पास हुए गोलीकांड में गोली लगते ही घायल बंते बुद्ध व शेख अनवर बाइक समेत नीचे गिर गए थे। बाइक अनवर चला रहा था। अनवर ने पुलिस को बताया था कि उसने दो गोलियां चलने की आवाज सुनी थी। दूसरी ओर बंते का कहना है कि जांघ से खून रिसता देख उसे अहसास हुआ कि उसे गोली लगी है। वह बुरी तरह लहूलुहान हो गए थे, जबकि शेख अनवर की कमर के दांए हिस्से को छूती हुई गोली निकली थी। बंते व शेख अनवर दोनों ही चार ईमली इलाके में रहते हैं। शेख अनवर गोश्त की दुकान चलाता है।

मंदाकिनी परिसर स्थित प्लॉट के बीच से रास्ता निकालने को लेकर मुकेश जैन से होने वाला विवाद साल 2012 से कोर्ट लंबित है। दरअसल चार ईमली इलाके में रहने वाले बंते बुद्ध भूषण और मुकेश जैन के प्लाट अगल-बगल में हैं। रास्ता निकालने को लेकर उनके बीच पुराना विवाद चला आ रहा है। इसी मामले में बंते बुद्ध अपने साथी शेख अनवर के साथ पूर्व डीजीपी दिनेश जुगरान से सलाह-मशविरा करने जा रहे थे लेकिन पूर्व डीजी से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। वे दोनों बाइक स्टार्ट कर लौट रहे थे। अभी वे थोड़ी दूर ही चले थे कि एक कार में सवार कुछ लोगों में से एक नकाबपोश ने उन पर दो गोलियां दाग दीं। दोनों घायलों को पहले जेपी अस्पताल और बाद में नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

क्या कहानी सुनाई थी पुलिस को
पूछताछ में घायल शेख अनवर ने बताया था कि पूर्व डीजीपी के बंगले वाली गली से बाहर भी नहीं आए थे कि पहाड़ी की ओर से एक कार तेज रफ्तार में आई और उसमें सवार नकाबपोश मुकेश जैन ने दो गोलियां चला दीं। एक गोली बंते की जांच को चीरती हुई आरपार हो गई तो दूसरी गोली शेख अनवर की कमर को छूती हुई निकल गई। अनियंत्रित होकर बाइक समेत जमीन पर गिरने से पहले घायल अनवर ने हाथ से हमलावार का नकाब खींच लिया था। उसका कहना है कि हमला करने वाला मुकेश जैन ही था। चूनाभट्टी पुलिस ने मुकेश जैन के खिलाफ हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज किया था।

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