फांसी पर झूलती मिली महर्षि स्कूल के अफसर की पत्नि की लाश

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भोपाल। निशातपुरा स्थित लांबाखेड़ा महार्षि विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी की लाश फांसी पर झूलती मिली है। दरवाजा खुला हुआ था। जो प्रकरण को संदिग्ध बनाता है परंतु अफसर पति ने इसे आत्महत्या बताया है। याद दिला दें महर्षि स्कूल का प्रबंधन पहले भी आपराधिक आरोपों का सामना कर चुका है।

विवेचक एएसआई ओपी शुक्ला के मुताबिक लांबाखेड़ा महार्षि विद्यालय परिसर निवासी रामदेव दुबे विद्यालय में प्रशासनिक अधिकारी हैं। गुरुवार रात करीब 8 बजे घर पहुंचने पर उन्हें घर के दरवाजे खुले मिले। 39 वर्षीय पत्नी रेखा को आवाज लगाते जब वे बैठरूम में पहुंचे तो रेखा फंदे पर लटकी हुई थी। वे उसे पड़ोसियों की मदद से फंदे पर से उतारकर भोपाल मेमोरियल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को अस्पताल से रात करीब साढ़े 10 बजे रेखा की मौत की सूचना मिली थी। शुक्रवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

शाम 6 से 8 के बीच हुई मौत
एएसआई शुक्ला के मुताबिक रामदेव की 9 और 11 साल की दो बेटियां हैं। रेखा ने उन्हें गुरुवार शाम करीब 6 बजे ट्यूशन भेज दिया, जबकि रामदेव ऑफिस में थे।

अस्पताल नहीं पहुंचा पति
दोपहर करीब एक बजे परिजन शव लेकर भोपाल मेमोरियल अस्पताल से हमीदिया अस्पताल मर्चुरी पहुंच गए। शव के साथ महार्षि विद्यालय के कर्मचारी और पड़ोसी थे। करीब घंटे भर तक सभी रामदेव का इंतजार करते रहे, लेकिन वे अस्पताल नहीं आए। मजबूरी में पुलिस ने शव पति की अनुपस्थिति में परिजनों को सौंपकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की।

कुछ अनसुलझे सवाल
  1. सामान्यत: आत्महत्याएं दरवाजे अंदर से बंद करके की जातीं हैं। इस प्रकरण में घर का मुख्य दरवाजा एवं बेडरूम का दरवाजा दोनों खुले मिले।
  2. कहानी के अनुसार पति 8 बजे घर पहुंच गया था, पुलिस को सूचना 10:30 पद दी गई। ढाई घंटे तक क्या होता रहा।
  3. सामान्यत: ऐसे मामलों में पति अपनी पत्नि की लाश के पास ही बैठा रहता है परंतु रामदेव को पीएम के बाद भी पत्नि के शव को लेने नहीं आया।


संदेह क्या है
महर्षि विद्यालय प्रबंधन पर पूर्व में भी कई रहस्यमयी वारदातों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। पुलिस को इस दिशा में भी जांच को आगे बढ़ाना चाहिए कि कहीं स्कूल का अधिकारी किसी प्रेशर में तो नहीं। कहीं इस मौत के पीछे की कहानी कुछ और तो नहीं। कुछ ऐसी कहानी जो अभी तक किसी ने अनुमान भी नहीं लगाई।

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