स्वाइन फ्लू के साये में पंचायत चुनाव पर: डेढ़ करोड़ वोटर्स की जान खतरे में

उपदेश अवस्थी/भोपाल। रविवार 22 फरवरी 2015 को मध्यप्रदेश के 50 जिलों, 137 विकासखण्डों की 9921 ग्राम पंचायतों के 1 करोड़ 46 लाख 57 हजार मतदाता स्वाईन फ्लू का जानलेवा खतरा उठाते हुए मतदान करेंगे।


पंचायत चुनाव के तहत आगामी मतदान 22 फरवरी को है और मतदान केन्द्रों पर स्वाईन फ्लू का खतरा बरकरार है परंतु अभी तक बचाव के कोई प्रशासनिक बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव कार्यक्रम के तहत तीसरे चरण के मतदान में 28802 मतदान केन्द्रों पर वोटिंग शुरू होगी जो सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलेगी। इस वोटिंग के दौरान जिला पंचायत सदस्य के 357, जनपद पंचायत सदस्य के 2822, सरपंच के 9380 और पंच के 41494 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।

स्वभाविक है। करीब डेढ़ करोड़ लोग एक साथ समूहों के रूप में 28802 केन्द्रों पर उपस्थित होंगे। यदि इनमें से एक भी व्यक्ति स्वाईन फ्लू पीड़ित या प्रभावित हुआ तो वायरस पूरे के पूरे केन्द्र में फैल जाएगा।

खतरा बड़ा है परंतु विधानसभा में छाती ठोककर स्वाईन फ्लू से जनता की रक्षा करने का दावा करने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने मतदान केन्द्रों पर आने वाले वोटर्स को स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है।

सरकार क्या कर सकती है
  1. ऐसे सरकारी कार्यक्रमों में जहां लोगों को समूह के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है, लोगों की सुरक्षा का खर्चा भी सरकार को ही उठाना होगा।
  2. मतदान केन्द्रों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तैनात करें एवं डॉक्टरों की पेट्रोलिंग कराएं।
  3. वोटर्स को स्वाईन फ्लू रोधी काढ़ा पिलाएं, जो राजस्थान में पिलाया जा रहा है। 
  4. वोटर्स को मास्क प्रदान करें ताकि संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे को प्रभावित ना कर पाए।


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