भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने व्यापम घोटाले में आरोपित और केंद्र के दबाव के बाद इस्तीफा दे चुके पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर निशाना साधते हुए उनसे जानना चाहा है कि वे अब यह स्पष्ट करें कि यादव को भोपाल से लेकर केंद्र सरकार के सामने बचाव करने के लिए इतने विवश क्यों थे, उनका लक्ष्य और उद्देश्य क्या था?
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की बात करने वाले प्रदेश के मुखिया और उनके भविष्य को लेकर सीधी चुनौती देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में कांगे्रस पार्टी उनके परिवार सहित कई मंत्रियों, उनके परिजनों और बड़े नौकरशाहों के भी नाम व प्रमाण सार्वजनिक करेगी, जिन्हें वे पूरी तरह बचा रहे हैं।
मिश्रा ने कहा कि मप्र के राजनीतिक इतिहास को कलंकित करने वाला यह पहला मौका है जब पद पर रहते हुए किसी राज्यपाल को भ्रष्टाचार करने और उसे लेकर उनके विरूद्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा हो। अब आने वाले दिनों में शिवराज सरकार के कई मंत्रियों, उनके परिजनों और बड़े नौकरशाहों के लिए भी इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने एसआईटी से पुनः आग्रह किया है कि जिन आधारों पर पूर्व राज्य के विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है, उन्हीं आधारों पर प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चैहान के विरूद्व भी प्रकरण दर्ज करवायें, क्योंकि जांच एजेंसी एसटीएफ द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत आरोप पत्र (एफआईआर 30/10/2013, मेमो., 7/11/2013, पेज नं. 33) में जेल में बंद व्यापम के परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और चीफ सिस्टम एनालिस्ट नितिन महेन्द्रा के वक्तव्य में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि ‘‘परीक्षा के पूर्व समय-समय पर प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव आते रहे तथा पीएमटी-2012 में भी उन लोगों को चयनित कराने हेतु दबाव बनाया गया, जिनके अत्यधिक दबाव के कारण मैंने कम्प्यूटर शाखा के प्रभावी नितिन महेन्द्रा एवं चंद्रकांत मिश्रा से चर्चा कर अभ्यर्थियों को पास कराने हेतु योजना तैयार की थी।’’
मिश्रा ने कहा कि इन प्रभावी लोगों में मुख्यमंत्री, उनका परिवार और मुख्यमंत्री निवास की सीधी संलिप्ता है। लिहाजा, मुख्यमंत्री के विरूद्व भी प्रकरण दर्ज किया जाए। मिश्रा ने यह भी कहा है कि पंकज त्रिवेदी और नितिन महेन्द्रा ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री निवास से 139 काॅल उन्हें आये थे, जिसमें विभिन्न परीक्षाओं में कई लोगों के सिलेक्शन हेतु कहा गया था। एसटीएफ इस प्रमाण को क्यों, किसके लिए और किसके दबाव में दबाये हुए है?