मास्टरों से डॉक्टरी क्यों करवाई: ये क्या बेवकूफी है सीएम साहब

Bhopal Samachar
मुश्ताक खान। दोस्तों एक गंभीर विषय पर चर्चा कर रहा हूँ पसंद आये तो शेयर जरुर करना। आज मास्टरों पर कई गैर शैक्षिणक कार्यो का दवाब है उनमे से एक कार्य स्वास्थ्य विभाग भी शिक्षा अधिकारियों के मार्फ़त मास्टरों से करवा रहा है जिसमे आयरन एवं कृमिनाशक गोलियों को वितरण कर खिलाने का कार्य मास्टरों को शैक्षणिक कार्यो के समानांतर करना पड़ रहा है।

ये बात समझ से परे है की शिक्षा विभाग और सरकार मास्टर को डॉक्टर बनाने पर क्यों तुले है??

कल दिनांक 10/02/14 को विश्व कृमिनाशक दिवस मनाया गया जिसके अंतर्गत स्कूली बच्चो को लगभग 85% शालाओ में बिना स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति के स्वास्थ विभाग द्वारा प्रदत्त अल्बेंडाजॉल गोली का सेवन कराया गया जिसके परिणाम स्वरुप निम्नलिखित समस्याए उत्पन्न हुई -

1. विश्व कृमिनाशक दिवस होने के कारण गोली का सेवन करवाने पर निमरानी के बेडीपुरा के प्राथमिक शिक्षक श्री जगदीश छेत्रे की परिजनों ने पिटाई की।
2. निमरानी के बेडीपुरा में 6 बच्चो की हालत खराब हुई।
3.नीमच में 8 बच्चो की हालत बिगड़ी।
4. उज्जैन में 6 बच्चो की हालत बिगड़ी।
5. बेतुल में 30 बच्चो की हालत बिगड़ी।
6. सागर के देवरी में 23 बच्चो की हालत बिगड़ी।
7. जबलपुर में 30 बच्चो की हालत बिगड़ी।
8. दतिया में 17 बच्चो की हालत बिगड़ी।

अब दोस्तों जब बच्चो की हालत बिगड़ने की बात स्वास्थ्य अधिकारियों से की गई तो बताया गया की गोली खाने के बाद जी मतली करता है और जब जी मतली हो तो बच्चे को ors और antaasid देना चाहिए परन्तु किसी भी शाला में कृमिनाशक गोली व आयरन की गोली के अलावा ors व antaasid का वितरण शायद ही किसी शाला में किया गया।

अब कुछ प्रश्न स्वास्थ विभाग से शिक्षा विभाग से व सरकार से-
1. क्या मास्टरों को डॉक्टर बनाना जरुरी है??
2. क्या समय समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसे आयोजनों पर अपने स्वास्थ अधिकारी की निगरानी में उक्त संवेदनशील कार्य नहीं करवा सकती??
3 क्या आगनवाड़ियों में आने वाली प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की स्वास्थ टीम उक्त कार्य अपनी देखरेख में संपादित नही कर सकती??
4. कृमिनाशक दवाई के साथ ors व antasid को प्रदाय क्यों नही किया गया??
5. इश्वर न करे यदि किसी बच्चे को मास्टर द्वारा दी गई गोली से कुछ हो जाता तो दोषी कौन होता??
6. गोली का सेवन कराने वाले मास्टर को परिजनों ने पीट़ा यदि बच्चे को कुछ हो जाता तो परिजन मास्टर को पीटकर उसकी जान ले लेते तो इसकी जिम्मेदारी कौन सा विभाग लेता??
7. जिस मास्टर को विभाग आधी तनखा देकर कई कार्य करवा रहा है
और जिस मास्टर को परिवार पेंशन तक विभाग व सरकार नहीं दे रही
जिस मास्टर का बीमा तक नही है जिस मास्टर के पास अपने भरण पोषण के लिए अपने परिवार के बच्चो के इलाज के लिए पेसा नही होता

उस से स्वास्थ विभाग शिक्षा विभाग के मार्फ़त गोली खिलवा रहा है और आदेश के बंधन से बंधे होने के कारण मास्टर गोली खिलाता है यदि कभी बात बिगड़ गई तो इस मास्टर को कौन हथेली लगाएगा??
कौन सा विभाग उसके परिवार की जिम्मेदारी अपने सर लेगा??

8. क्या उपरोक्त कार्य स्वास्थ विभाग को अपने स्वाथ्य अधिकारियों से नही करवाना चाहिए??

दोस्तों हर बच्चा स्वस्थ रहे और बिमारी मुक्त रहे परन्तु स्वास्थ विभाग से शिक्षा विभाग से व सरकार से समस्त शिक्षक/अध्यापक/संविदा/गुरुजियो की और से निवेदन करना चाहता हूँ की शाला स्तर पर दवाई वितरण,,सेवन,,जांच का कार्य हमेशा स्वास्थ विभाग के स्वास्थ अधिकारी के द्वारा प्रति बच्चे के परिजनों की उपस्थिति में ही संपादित किया जाए ताकि अकस्मात् दुर्घटना की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके व बेकसूर मास्टरों को पिटाई व अन्य समस्याओं से मुक्ति मिल सके बाकी स्वास्थ अधिकारी को मास्टर बच्चो के स्वस्थ व निरोगी रहने के पुन्य कार्य हेतु अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।

मास्टर हित में जारी।

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