पढ़िए सोमवार को क्या क्या हुआ विधानसभा में

shailendra gupta
भोपाल। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े में कथित तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस विधायकों ने शून्यकाल के दौरान व्यापमं घोटाले का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने कहा कि मुख्यमंत्री भी इस घोटाले में शामिल हैं, लिजाहा उन्हें विधानसभा में अपना पक्ष रखना चाहिए। इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने कई और मंत्रियों पर भी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए। सत्ता पक्ष का बचाव करते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा, "प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को सबक सिखा दिया है। सत्ता पक्ष किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, मगर वह विधानसभा की परंपराओं के अनुसार आना चाहिए।" सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।

विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा ने कई बार हिदायत दी और सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस विधायकों के शांत न होने पर विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही पंद्रह मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा के बाहर नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे, कांग्रेस विधायक आरिफ अकील और सुंदर लाल तिवारी ने सरकार के रवैए की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा संख्या बल के आधार पर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, लेकिन वे इस लड़ाई को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, "नौजवानों का भविष्य बर्बाद हुआ है। मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"

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