महिला ने जर्मनी से लौटकर ठग दुकानदार को सिखाया सबक

जबलपुर। यदि एक दुकानदार आपको गलत सामान बेच दे तो आप क्या क्या कर सकते हैं। यहां एक महिला जर्मनी से वापस इंडिया आ गई क्योंकि एक दुकानदार ने उसे गलत चश्मा बेच दिया था। चश्मा 14 हजार में बेचा गया था जबकि उसका बाजार मूल्य 4 हजार रुपए से ज्यादा नहीं था। यहां आकर उसने दुकानदार को सबक सिखाया।

ओमती थाने का माहौल रविवार को रोज जैसा नहीं था। अमूमन केस सुलझाने के दौरान थाना प्रभारी बोलते हैं और फरियादी सुनते हैं लेकिन यहां एक महिला फर्राटेदार अंग्रेजी में बोले जा रही थी और थाने में मौजूद सभी उसे एकटक निहार रहे थे। महिला की बात सुन तो सभी रहे थे लेकिन वह कह क्या कह रही है, सभी की समझ से परे था।

आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद तो उसकी बात समझ में आई। शिकायत एक चश्मे के ज्यादा रुपए वसूलने और उसकी खराब क्वालिटी का था। इसके बाद थाना प्रभारी ने तुरंत दुकानदार को बुलाकर महिला के रुपए वापस कराए। ग्राहक जागरूकता का यह अपनी तरह का अनोखा मामला था जिसमें सिर्फ एक चश्मे को वापस करने महिला जर्मनी से भारत तक आई और अपने हक की न सिर्फ आवाज उठाई, बल्कि इसे लिया भी।

क्या है मामलाः
ओमती थाने में जर्मनी से आई सीग्रिड ने बताया कि वह पिछले वर्ष 16 जनवरी को जबलपुर आई थी। घंटाघर की एक दुकान से उन्होंने एक ब्रांडेड कंपनी का नजर का चश्मा बनवाया। इसके लिए उन्होंने 14 हजार रुपए अदा किए। जर्मनी वापस जाने के बाद जब चश्मा पहना तो उन्हें तकलीफ हुई। धीरे-धीरे इस चश्मे से उन्हें सिरदर्द की समस्या होने लगी।

इसके बाद उन्होंने चश्मे की क्वालिटी और कंपनी की जांच की तो पता चला कि जिस चश्मे के उन्होंने 14 हजार रुपए चुकाए थे वह तो महज 4 हजार का ही था। उसके लेंस की पावर भी वह नहीं थी, जो सीग्रिड को लगती है।

कंपनी के रेट निकाले और आ गई इंडिया...
सीग्रिड ने इस कंपनी की रेट लिस्ट के प्रिंटआउट निकाले और जर्मनी से दिल्ली फिर सीधे जबलपुर पहुंची। रेलवे स्टेशन से निकलकर वह चश्मा दुकान का बिल लेकर उसकी तलाश करने लगीं। इसी बीच उन्हें पेट्रोलिंग कर रहे शेर सिंह राजपूत और प्रेम विश्वकर्मा दिखे। महिला को परेशान देख उन्होंने उसे तुरंत ओमती थाने पहुंचाया।

टीआई बोले-दिस इज मीडिया पर्सन, मदद करेंगे
सीग्रिड थाने में दो चश्मे लेकर कुछ बता रही थीं, लेकिन थाने में मौजूद हर किसी को यह समझने में परेशानी हो रही थी। इसी बीच मीडिया के लोग भी वहां पहुंच गए। अंजान लोगों को देखकर सीग्रिड थोड़ा आश्चर्य में पड़ गईं तो टीआई ने मीडिया के लोगों को मुखाबित करते हुए बताया-'दिस इज मीडिया पर्सन, आपकी हेल्प करेंगे'। इसके बाद सीग्रिड ने मीडियाकर्मियों के सामने अपनी बात रखी तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को भी पूरी बात बताई।

दुकानदार को देखते ही भड़की, बोली-पूरे पैसे चाहिए
बात समझ में आने पर पुलिस ने घंटाघर के चश्मा दुकानदार को बुलाया। उसे देखते ही महिला भड़क गई और पूरे पैसे वापस करने को कहा। महिला की बातें दुकानदार को भी समझ में नहीं आई। बाद में पुलिस ने उसे समझाया और पूरे बिल व महिला द्वारा जुटाई गई कंपनी की रेट लिस्ट दिखाई। तब जाकर दुकानदार ने 8 हजार रुपए वापस किए। यह कीमत चश्मे के लेंस की थी। महिला को फ्रेम वापस कर दिया।

जर्मनी की महिला ने चश्मे का पावर सही नहीं होने की शिकायत की थी। दुकानदार को बुलाकर लेंस वापस करवा दिया गया है। फ्रेम में कोई खराबी नहीं थी इसलिए यह महिला ने रख लिया है। दोनों पक्षों में समझौता हो गया है।
इंद्रमणि पटेल, टीआई, ओमती

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