भोपाल। जैसा कि भोपाल समाचार डॉट कॉम लगातार आशंका जताता आ रहा है कि पंचायत चुनाव पर स्वाईन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है और चुनाव आयोग ने अपने कर्मचारियों एवं मतदाताओं को स्वाईन फ्लू से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। चुनाव आयोग की लापरवाही के चलते आज पहला मामला सामने आया है। चुनाव ड्यूटी में गया शिक्षक स्वाईन फ्लू का शिकार हो गया है।
खबर चंबल संभाग के भिंड जिले से आ रही है यहां दबोह के सरकारी शिक्षक दीपक कौरव की स्वाइन फ्लू जांच रिपोर्ट भी डीआरडीई से पॉजीटिव आई है। शिक्षक को परिजन 18 फरवरी को जिला अस्पताल लेकर आए थे। डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू संदिग्ध मानते हुए उन्हें ग्वालियर जेएएच के लिए रेफर कर दिया था। रिपोर्ट आने के बाद शनिवार को जिला अस्पताल की एंटी स्वाइन फ्लू टीम दबोह पहुंची। टीम ने शिक्षक के परिवार में 4 लोगों को टेमी फ्लू दी है।
एंटी स्वाइन फ्लू टीम के डॉ. अवधेश सोनी ने बताया कि दबोह निवासी शिक्षक दीपक कौरव के परिजन ने बताया कि वे 9 फरवरी को भिंड में चुनाव ड्यूटी की ट्रेनिंग के लिए आए थे। भिंड से वापस लौटकर 2 दिन बाद बीमार हुए। खांसी-जुकाम के साथ हल्का बुखार आया।
डॉ. सोनी का कहना है कि शिक्षक ने लोकल में ही ट्रीटमेंट लिया, लेकिन वे ठीक नहीं हुए। शिक्षक को 17 फरवरी की रात ज्यादा परेशानी हुई। परिजन 18 फरवरी को उन्हें भिंड हॉस्पिटल लेकर आए थे। डॉक्टर ने श्री कौरव को स्वाइन फ्लू संदिग्ध मानते हुए सैंपल लेकर डीआरडीई में जांच के लिए भेजा और उन्हें ग्लालियर रेफर कर दिया था।
दबोह के स्कूलों में पहुंची टीम
डॉ. सोनी का कहना है कि शिक्षक श्री कौरव की रिपोर्ट स्वाइन फ्लू पॉजीटिव आने के बाद शनिवार को वे शिक्षक के घर गए। इसके अलावा दबोह के 2 स्कूलों में भी पहुंचे। जहां टीचरों से बात कर बच्चों और खुद अहतियात रखने के बारे में बताया। श्री सोनी का कहना है कि दबोह में भी उन्होंने करीब 50 घरों का सर्वे कर बचाव और लक्षण के हेंड पेम्पलेट बांटे हैं। साथ ही सलाह दी है कि बीमार होने पर अच्छे डॉक्टर से इलाज कराएं।