भोपाल। मप्र की राजनीति का हॉटकेक व्यापमं घोटाला मंत्रियों को रात्रिविश्राम भी नहीं करने दे रहा है। हालात यह हैं कि भोपाल में रहते हुए भी ज्यादातर मंत्री विधानसभा में अपनी कुर्सी पर नहीं पहुंचे। इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारी भी अनुपस्थित थे। एक प्रकार से विधानसभा का मजाक बना दिया गया था। डिप्टी स्पीकर ने फटकार लगाई, तो ताबड़तोड़ कुर्सियां पकड़ने लगे।
राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा के दौरान मंत्रियों की गैर मौजूदगी पर आसंदी से डिप्टी स्पीकर राजेन्द्र सिंह ने आपत्ति जताई। उन्होंने स्वास्थ्य राज्यमंत्री शरद जैन को निर्देश भी दिए कि जो मंत्री आ सकें उन्हें सूचित कर दें। इस दौरान अधिकारी दीर्घा भी खाली देखी गई। आसंदी का निर्देश मिलते ही कई मंत्री तुरंत सदन में पहुंच गए।
कार्रवाई की शुरूआत में मंत्रियों में ज्ञान सिंह, कुसुम मेहदेले, लाल सिंह आर्य और शरद जैन ही मौजूद थे। अधिकारी दीर्घा भी खाली थी, यह देख उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने आसंदी का ध्यान आकृष्ट करते हुए आपत्ति जताई। बाला बच्चन की आपत्ति पर राज्यमंत्री शरद जैन ने बचाव की कोशिश भी की, लेकिन डिप्टी स्पीकर राजेन्द्र सिंह ने दलील अमान्य करते हुए निर्देश दिए कि अभिभाषण, कृतज्ञता ज्ञापन एवं बजट पर चर्चा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर सभी मंत्रियों एवं सदस्यों को सदन में मौजूद रहना चाहिए। इसलिए आप मंत्रियों को खबर कर दें जो आ सकते हैं उन्हें तुरंत बुलाएं।
सत्ता पक्ष में मची खलबली
आसंदी से नसीहत मिलते ही सत्ता पक्ष में खलबली मच गई, ताबड़तोड़ मंत्रियों को खबर की गई। विस परिसर में मौजूद मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गौरीशंकर बिसेन और अंतर सिंह आर्य तुरंत ही सदन की ओर चल पड़े। कतिपय विधायक जो परिसर में यहां-वहां थे वे भी पहुंच गए। प्रश्नोत्तर काल के बाद अधिकारी दीर्घा खाली हो गई, उसके बाद वहां उपस्थिति भी कम रही। इसकी शिकायत कुछ सदस्यों ने विस की लॉबी में मौजूद मंत्री उमाशंकर गुप्ता से भी की। भोजनावकाश के बाद अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भी अधिकारी दीर्घा खाली रही।