भोपाल। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले ग्वालियर कलेक्टर पी नरहरि की स्वाइन फ्लू के मामले में चुप्पी बड़ी अजीब सी लग रही है। वो एमपीसीए की बैठक में ग्वालियर स्टेडियम के लिए स्वीकृत हुए 120 करोड़ की सूचना तो बड़े गर्व के साथ प्रसारित कर रहे हैं परंतु स्वाइन फ्लू के कारण अकाल मृत्यु की गोद में समा गए नागरिकों के लिए शोक का एक शब्द प्रकट नहीं कर रहे। कोई लज्जा नहीं कि हम इस वायरस से लोगों को बचा नहीं पा रहे।
छोटी से छोटी समस्या पर सोशल मीडिया के माध्यम से जनता को सावधानी का संदेश देने वाले कलेक्टर पी नरहरि ने स्वाइन फ्लू से कैसे बचें, इस संदर्भ में कोई संदेश पोस्ट नहीं किया। संभाग भर के स्वाइन फ्लू पीड़ित अच्छे इलाज की प्रत्याशा में ग्वालियर आ रहे हैं, लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल रहा। इलाज के नाम पर ड्रामा हो रहा है और मौतों का सिलसिला जारी है। 3 मौतें तो कल ही हो गईं। 1 ग्वालियर, 1 डबरा और 1 दतिया। सभी मरीज ग्वालियर में इलाज करा रहे थे। जूनियर डॉक्टरों की दादागिरी देखनी हो तो कभी भेष बदलकर किसी निर्धन का अटेंडर बनकर चले जाओ। जूनियर डॉक्टर से बस एक सवाल कर लो, असलियत पता चल जाएगी।
समझ नहीं आता, एक संवेदनशील कलेक्टर जिस पर गर्व करने का दिल करता है। ऐसे संवेदनशील विषय पर चुप क्यों है। सिंघम की तरह दहाड़ क्यों नहीं रहा, व्यवस्थाएं सुधार क्यों नहीं रहा। जो हर मामले में दूसरे कलेक्टरों के लिए उदाहरण बनता रहा है, इस मामले में फैलियर क्यों बन रहा है।
- उपदेश अवस्थी