जेटली का हलवा और कड़ा बजट

राकेश दुबे@प्रतिदिन। भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हलवा बाँट कर मीठे बजट कि उम्मीद देश को दी हो पर आंकड़े कहते हैं बजट मीठा नहीं होगा| वित्तीय वर्ष 2014-15 में अप्रैल-नवम्बर तिमाही के दौरान कर राजस्व में महज 4.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान पेश किया गया था. कर राजस्व में कमी का अनुमान करीब 105000 करोड़ रुपए का है| इसमें अगर विनिवेश प्रक्रिया और स्पेक्ट्रम नीलामी से मिलने वाली राशि के अनुमान को जोड़ दिया जाए तो भी चालू वित्त वर्ष के बजट लक्ष्य को हासिल कर पाना नामुमकिन है|

वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए बजट तैयार करते हुए वित्तमंत्री के सामने बाजार मांग के निर्माण की बड़ी चुनौती भी मौजूद है| यद्यपि हाल में नौ फरवरी को विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में भारत की विकास दर 7.4 प्रतिशत अनुमानित की गई है, जो चीन की विकास दर से अधिक है| लेकिन विकास दर की यह तस्वीर विकास दर का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 करने के कारण दिखाई दे रही है| वस्तुस्थिति यह है कि कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद बाजार में मांग की स्थिति निराशाजनक है| इससे उद्योग-कारोबार की स्थिति अच्छी नहीं है और अर्थव्यवस्था को गति नहीं मिल पा रही है| वस्तुत: देश के कोने-कोने में उद्योग और कारोबार क्षेत्र मांग में कमी का सामना कर रहा है| मांग बढ़ाने के विभिन्न प्रयासों के बाद भी अनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं|

संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली संस्था कोल्डवेल बैंकर रियल एस्टेट (सीबीआरई) ने अपनी जनवरी 2015 की रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरु, हैदराबाद तथा पुणो में मकानों की बिक्री में  में पिछले साल के मुकाबले औसतन करीब 30 प्रतिशत गिरावट आई है|

यद्यपि पिछले बजट 2014-15 में घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने के लिए कुछ रणनीतिक कदम बढ़ाए गए तथा उपभोग स्तर बढ़ाने के लिए लोगों की आय में वृद्धि के प्रयास किए गए लेकिन उनसे मांग बढ़ने के अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं| यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नया बजट तैयार करते समय जहां वित्तमंत्री के समक्ष कई चुनौतियां हैं, वहीं कुछ ऐसी वित्तीय अनुकूलताएं भी हैं जिनके आधार पर वित्तमंत्री एक अच्छे बजट की तस्वीर बना सकते हैं| मर्जी सरकार की है|

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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