इंटरव्यू का रिजल्ट बेहतरीन हो इसकी कोशिश हर जॉब सीकर की होती है। वहीं इस मौके को एंप्लॉयी और एंप्लॉयर एक-दूसरे को बेहतरीन ढंग से समझने में भी कर सकते हैं। दरअसल, जब आप इंटरव्यू फेस कर रहे होते हैं, उस वक्त अगर छोटी बातों पर भी ध्यान देंगे तो आपको कंपनी के बारे में कई चीजों का पता चल जाएगा। ऐसे में आप जॉब जॉइन करने से पहले सही निर्णय ले सकते हैं।
जब बदले इंटरव्यू की तारीख
कंपनियां अक्सर रिक्रूटमेंट के दौरान अपना व्यवहार बेहतरीन रखती हैं। रिसेप्शन से लेकर इंटरव्यू रूम तक आपके साथ बेहद सलीके से पेश आया जाएगा, पर इतने से ही बात नहीं बनती। आपको खुद भी कंपनी की असेसमेंट करनी चाहिए। अक्सर कंपनियां भी इंटरव्यू लेते समय ही कैंडिडेट की क्षमताओं को परखकर अचानक अपना व्यवहार बदल लेती हैं, इसी तरह की परख आप भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपके इंटरव्यू की तारीख बार-बार आगे बढ़ाई जा रही हो, तो यह जरूर समझना चाहिए कि कंपनी इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। कंपनी की प्लानिंग में जरूर कुछ कमी है। जब आपकी जॉइनिंग होगी तो आपको कदम-कदम पर मिस-मैनेजमेंट का सामना करना पड़ेगा।
करा दे ग्रुप इंटरव्यू
अगर आपको किसी कंपनी में जॉब कई राउंड इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन के बाद मिली है, तो यह गर्व करने की बात है। हालांकि अगर इंटरव्यू का फाइनल राउंड भी ग्रुप में ही करा दिया जाए, तो यह कंपनी के ढुलमुल रवैये को ही दर्शाता है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि कंपनी की दिलचस्पी बेस्ट कैंडिडेट के चयन में नहीं है, बल्कि वह चलता है से काम चलाती है। अक्सर ग्रुप डिस्कशन में तेज आवाज में बोलने वाले (चीखने की हद तक) ही फायदे में रहते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि वे योग्यताओं में भी सबसे बेहतर हों। ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी नए कैंडिडेट्स पर कितना ध्यान देगी।
खुद की तारीफ अधिक करे
इंटरव्यू के दौरान आपको अपने विषय में हर पॉजिटिव बात बतानी होती है, जिसका उद्येश्य खुद को अन्य कैंडिडेट्स से बेहतर साबित करना होता है।
अगर इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति आपकी बातों के साथ-साथ अपनी भी तारीफ करने लगे और खूबियों को गिनाना शुरू कर दे, तो समझ लें कि मामला गड़बड़ है। इससे यह बात पता चल जाती है कि उस व्यक्ति के लिए ऑफिस के कामों से अधिक अहम खुद का काम है। अगर वह आपका संभावित बॉस है, तो उसके साथ आपकी पटरी शायद ही बैठ सके। और जॉइन करने के बाद आपके लिए मुश्किल हो।
शिकायत करे दूसरों की
अगर इंटरव्यू लेने वाला आपको ऑफिस की समस्याएं और अपने सब-ऑर्डिनेट्स की शिकायतें सुनाने लगे, तो समझ जाइए कि वह व्यक्ति फ्रस्ट्रेशन का शिकार है। कंपनी में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। आज वह पुराने एंप्लॉयीज की शिकायत कर रहा है, तो बाद में आपको भी नहीं छोड़ेगा।
रिवॉर्ड की हो अधिक बात
इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति जब कंपनी के विषय में जरूरत से ज्यादा बताने लगें और छुट्टियां, कैंटीन और कैब जैसी सुविधाओं की चर्चा करें, तो समझिए कि कंपनी के विषय में कुछ छिपाया जा रहा है। विशेषकर जब जॉब स्किल्स, ऑफिस कल्चर और करियर की बातें गौण हो गई हों। अगर इंटरव्यू लेने वाला आपसे यह भी न पूछे कि कंपनी से क्या एक्सपेक्ट करते हैं, तो जॉइनिंग से पहले एक बार फिर सोच लें।
बिना वजह हो इंटरव्यू बाहर
अगर किसी कंपनी की ऑफिस दिल्ली में है और आपको इंटरव्यू के लिए मुंबई बुलाया जाए तो समझिए यह खतरे की घंटी है। वैसे, यह संभव है कि इंटरव्यू किसी होटल या अन्य जगह पर हो, लेकिन जब कंपनी का लोकल ऑफिस भी है, पर इंटरव्यू वहां नहीं लिया जा रहा है, तो यह कवायद आपसे ऑफिस के माहौल या दूसरी चीजें छिपाने के लिए हो सकती है। इस तरह के रिस्क को कम करने के लिए आप एक बार कंपनी के मेन ऑफिस जरूर जाकर देखें लें।