इंदौर। देश की महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने वाला राष्ट्रीय महिला आयोग खुद अपने लिए अधिकार मांग रहा है। आयोग ने सरकार से शक्तियां बढ़ाने की गुजारिश की है, ताकि आदेश देने का नहीं, कार्रवाई का भी अधिकार मिले। आयोग महिला कानून में सुधार के लिए नई रणनीति तैयार कर रहा है, जिससे पीड़ितों को उचित न्याय मिल सके।
यह बात राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम ने कही। चार महीने पहले ही सुश्री मंगलम ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया है।
शनिवार को वे ज्वाला संस्था के कार्यक्रम में शरीक होने इंदौर आई थीं। सुश्री मंगलम ने कहा कि आयोग बहुत काम करना चाहता है। इसके लिए हम राष्ट्रीय स्तर पर नीतियां बना रहे हैं। महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाने से पहले जरूरी है कि हमारे पास भी पर्याप्त अधिकार हों।
मंगलम के मुताबिक सरकारी संस्थाओं में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए 'विशाखा गाइडलाइन" को सख्ती से लागू करने की योजना है। स्थानीय स्तर पर इसके निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने महिलाओं के साथ बढ़ते अत्याचार पर कहा कि जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक उत्पीड़न कम नहीं होगा। लड़की कपड़े कैसे भी पहने, लेकिन यह देखने वाले पर निर्भर है, वह उसे किस रूप में देख रहा है।
विज्ञापन और फिल्मों में आपत्तिजनक दृश्यों को रोकने की कोशिश
विज्ञापन और फिल्मों में लड़कियों को जिस तरह से दिखाया जा रहा है, उससे समाज में महिलाओं की बेहद खराब छवि जा रही है। इसके लिए आयोग सेंसर बोर्ड से चर्चा करेगा। इसके साथ अलग-अलग प्रदेशों में अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं से चर्चा की जाएगी। सुश्री मंगलम ने बताया कि महिलाओं ने खुद अपनी बात कहने के लिए आयोग के सदस्यों को बुलाया है, ताकि उनकी समस्या समाज के सामने आ सके।