भाजपाई गुंडागर्दी के खिलाफ कर्मचारियों की हड़ताल का ऐलान

Bhopal Samachar
भोपाल। चीफ सेकेट्री अन्टोनी जेसी डिसा और ​प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच आगामी 18 फरवरी को प्रस्तावित प्रदेश व्यापी हड़ताल पर आज सोमवार को हुई वार्ता सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिलने की वजह से बेनतीजा खत्म हो गई।

राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के महासचिव दीपक सक्सेना ने बताया कि मुख्य सचिव से मीटिंग बेनतीजा रहने की वजह से 18 फरवरी की प्रस्तावित प्रदेशव्यापी हड़ताल यथावत रहेगी। चीफ सेकेट्री ने कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों को प्रस्तावित हड़ताल खत्म करने के लिए आज सोमवार को मंत्रालय बुलाया था।

विदित हो कि पिछले दिनों राजगढ़ से भाजपा सांसद रोड़मल नागर और उनके समर्थकों ने राघौगढ़ एसडीएम रिंकेश वैश्य से बदतमीजी और मारपीट की थी। इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व काल में सत्तारुढ़ भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं द्वारा शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आए दिन बदतमीजी मारपीट और सरकारी कामकाज में दखल देने की हजारों वारदातें हुई है। शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस बदतमीजी और मारापीटी पर शासन द्वारा रोक न लगा पाने पर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए 18 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल का काल दिया है।

चीफ सेकेट्री अंटोनी जेसी डिसा ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से विधानसभा सत्र होने के मद्देनजर प्रस्तावित हड़ताल पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। मगर जब कर्मचारी संगठनों ने अपने उपर सत्तारुढ़ भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की बदतमीजी और मारपीट रोकने के सिलसिले में कोई ठोस आश्वासन चाहा तो चीफ सेकेट्री ने कोई भी आश्वासन देने से मना कर दिया। चीफ सेकेट्री कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से आगे कहा कि वह उनकी मांगों से मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे और अगर जरुरी हुआ तो सीएम से उनकी चर्चा भी करवाएंगे।

बहुत उम्मीद लेकर गए कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों में चीफ सेकेट्री के कोई आश्वासन नहीं मिलने से लेकर भारी रोष है। एक कर्मचारी संगठन के आफिस बियरर ने इंडिया वन समाचार से नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाया कि मुख्य सचिव ने मीटिंग बुलाकर सिर्फ एक खानापूर्ति की है। चूकिं मुख्य सचिव पर कर्मचारी संगठनों की मांगों पर असंवेदनाशील होने के आरोप लगते रहे हैं, इसलिए उन्होंने ये मीटिंग मजबूरन बुलाई थी।

शासन अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं द्वारा शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ बदतमीजी और मारपीट रोकने में असमर्थ है, इसलिए चीफ सेकेट्री ने कोई आश्वासन नहीं दिया। चीफ सेकेट्री से मिलने गए अधिकारी कर्मचारी संगठनों में राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के जीपी माली और दीपक सक्सेना, राजस्व अधिकारी संघ के भूवन गुप्ता और आरएन बागरी, भू अभिलेख संघ के बघेल, राजस्व निरीक्षक संघ के विनोद पाठक और देवेन्द्र शुक्ला, पटवारी संघ अमित किरनीत, जागरुक पटवारी संघ के नुपुर सक्सेना, सीईओ जनपद संघ के भूपेश गुप्ता और उपेन्द्र सेंगर, चिकित्सा अधिकारी संघ कमल सक्सेना, एमपीईबी संघ के बीकेएस परिहार, नगर निगम संघ के शौकत अहमद, राज्य कर्मचारी संघ के जितेंद्र सिंह और अनिल एडविन।  इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी संघ के विष्णु प्रसाद ​श्रीवास्तव, मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अरुण द्विवेदी और विजय रघुवंशी, एमपीईबी डिप्लोमा संघ के जेएल तेजपाल, लिपिक संघ के बजरंग आचार्य और अतीक अहमद खान शामिल थे।

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