मप्र में रोड साइड खुलेंगी नई वाइनशॉप, सैंकड़ों नई वाइनशॉप खोलने का टारगेट

Bhopal Samachar
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प के खिलाफ मप्र शासन ने अपना खाली खजाना भरने के लिए शहरी सीमा में अब हाईवे के किनारे भी शराब दुकान खोलने का फैसला किया है। इसके लिए पहले से लागू 100 मीटर का बंधन सरकार ने हटा दिया है। अब नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत की सीमा से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग के किनारे शराब की नई दुकानें खुलेंगी। यह नियम एक अप्रैल 2015 से लागू होंगे। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से शराब की ज्यादा से ज्यादा नई दुकानें खोलने की रणनीति को अंजाम दिया गया है।

पहले भी हो चुके हैं दो प्रयास
बिगड़ी माली हालत को सुधारने के लिए राज्य सरकार वो हर कदम उठा रही है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं के खिलाफ है। सीएम ने 2013 के चुनाव के बाद ऐलान किया था कि अब किसी भी हालत में प्रदेश में शराब की नई दुकान नहीं खोली जाएंगी। इसके बाद भी अफसरों ने बैकडोर से नई शराब दुकानें खोलने का रास्ता साफ कर दिया।

इससे पहले एक बार कैबिनेट में देशी शराब की दुकान में विदेशी शराब भी बेचने की मंजूरी देने का मामला लाया गया था। कैबिनेट में कई मंत्रियों के विरोध के बाद सरकार को 48 घंटे में फैसला वापस लेना पड़ा था। फिर दूसरी बार शराब सस्ती करने के लिए इस पर वैट कम करने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाया गया लेकिन इस बार भी सरकार को यू टर्न लेना पड़ा।

दोनों बार विफल होने के बाद अब हाईवे से 100 मीटर दूरी का बंधन खत्म करने के नाम पर नई दुकानें खोलने की रणनीति को अंजाम दिया गया है। इस संबंध में वाणिज्यिक कर विभाग ने आबकारी नियमों में बदलाव कर अधिसूचना जारी कर दी है।

2007 की दुकानों पर नहीं लागू होंगे नए नियम
जो दुकानें वर्ष 2007 से पहले की हैं, उन पर मंदिर, मस्जिद, स्कूल और अस्पताल से 50 मीटर की दूरी का नियम लागू नहीं होगा, ऐसे दुकान संचालक इस दायरे के अंदर शराब बेच सकेंगे। वित्तीय वर्ष 2015 में श्ाराब के दुकानों के लायसेंस देने से पहले देखा जाएगा कि उक्त दुकान किसी मिल, कारखाने सहित ऐसे स्थान के पास तो नहीं है, जहां बड़ी संख्या में श्रमिक काम करते हों। ऐसी स्थिति में मिल-कारखाने मालिक और श्रमिकों से अनापत्ति ली जाएगी। उसके बाद ही दुकान का लायसेंस दिया जाएगा।

इसके साथ मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर सहित अन्य धार्मिक स्थल, स्कूल, कॉलेज अस्पताल, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के 50 मीटर की दूरी पर ही नई दुकान खोलने का लायसेंस दिया जाएगा। इन दुकानों के होर्डिंग आकर्षक नहीं होंगे, जिससे वहां से गुजरने वाला व्यक्ति दुकान देखने के लिए बाध्य न हो।

केवल इन पर लागू होंगे नियम
राज्य या केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज, पब्लिक ट्रस्ट एक्ट में रजिस्टर्ड मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर एवं अन्य धार्मिक संस्थाएं, केंद्र, राज्य या स्थानीय निकाय के बस स्टैंड, केंद्र, राज्य अथवा चेरीटेबल संस्था के 10 बिस्तर के अस्पतालों पर ही 50 मीटर की दूरी के नियम लागू होंगे। इस दायरे के बाहर आने वाले मंदिर-मस्जिद धार्मिक संस्थाएं, निजी अस्पताल और नर्सिंग होम के आस-पास शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी।

शहरों से गुजरने वाले हाईवे सिर्फ नाम के लिए होते हैं। इनके आसपास बड़ी-बड़ी इमारतें बन सकती हैं तो शराब दुकानें क्यों नहीं खुल सकती हैं? -डीआर जौहरी, अपर आयुक्त, आबकारी विभाग

शराब नीति
केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ सड़क के आसपास शराब दुकानों के संबंध में नीति पहले ही बना चुका है। इस नीति के अंतर्गत राज्यमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास शराब दुकानें नहीं होना चाहिए। केंद्र ने सभी राज्यों को परिपत्र जारी किया। तमिलनाडु ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को सभी पक्षकारों से कहा कि वे राष्ट्रीय और राज्यमार्गों के आसपास शराब दुकानें होने या नहीं होने के बारे में उचित नीति बनाएं क्योंकि यह सामाजिक मुद्दा है। कोर्ट इस बात के पक्ष में नहीं है कि लोग शराब पीकर यात्रा करें। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी तक नीति बनाने के बारे में जानकारी देने को कहा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!