श्योपुर। हैलो... मैं श्योपुर कलेक्टर बोल रहा हूं। आपका बच्चा कुछ दिनों पहले जिला अस्पताल की एनआरसी में भर्ती किया गया है। अब उसकी हालत कैसी है? यह बात फोन लगाकर कलेक्टर धनंजय सिंह भदौरिया ने मरीज के परिजनों से पूछी। शनिवार को कलेक्टर श्री भदौरिया जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने गए थे। अस्पताल की व्यवस्थाएं व मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं से कलेक्टर संतुष्ट दिखे।
हल्की-फुल्की कमियों को तत्काल दूर करने की हिदायत देते हुए सिविल सर्जन डॉ. एसके तिवारी से कहा कि ऐसी छोटी-मोटी बातें मुझ तक नहीं पहुंचें। कलेक्टर ने सिविल सर्जन से कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए जनता से सुझाव लीजिए। अच्छे सुझावों पर अमल करें।
शनिवार की दोपहर कलेक्टर श्री भदौरिया, एसडीएम एससी तिवारी को साथ लेकर जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं देखने पहुंच गए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सबसे पहले ओपीडी का निरीक्ष किया फिर अस्पताल की सफाई व्यवस्था देखी। साफ-सुधरा अस्पताल देख कलेक्टर श्री भदौरिया सबसे पहले जनरल वार्डों में भर्ती मरीजों के पास पहुंचे।
श्री भदौरिया ने मरीजों को अस्पताल में मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा खाना व निःशुल्क दवाओं की जानकारी भी ली। जिन-जिन मरीजों से कलेक्टर ने फीडबैक लिया सभी ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई। इसके बाद कलेक्टर व एसडीएम पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में पहुंचे। जहां भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं से कलेक्टर ने व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया। यही से कलेक्टर ने मोहनलाल नाम के एक व्यक्ति को फोन लगाकर उसके बेटे के स्वास्थ्य का फीडबैक लिया गया।
कलेक्टर ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. तिवारी से कहा कि स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए अस्पताल में सभी तैयारियां रखे। आईसोलेशन वार्ड पर हर समय अटेंडर मौजूद रहें जिससे स्वाइन फ्लू का संदिग्ध आते ही तत्काल इलाज मिल सके। कलेक्टर ने कहा कि स्वाइन फ्लू के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं पर्याप्त मात्रा में रखें। सतर्कता बरतते हुए डॉक्टर व अस्पताल का अन्य स्टाफ मास्क पहनकर मरीजों का चेकअप करें।
ऐसी शिकायतें मुझ तक न पहुंचें
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को अस्पताल में कई जगह टूटी जालियां, फूटे कांच दिखे। इसी तरह मेटरनिटी वार्ड में हेण्ड वॉशर का नल ठीक से नहीं लगा था। इस पर कलेक्टर नाराज हुए और बोले कि ऐसे काम समय पर क्यों नहीं होते। उन्होंने सीएस से कहा कि हर सात दिन में मेंटेनेंस पर ध्यान दीजिए। कलेक्टर ने कहा कि ऐसी छोटी शिकायतें मुझ तक नहीं पहुंच पाएं।