भिंड | पुलिस फाइल से निकलकर आ रही कहानी के अनुसार स्वाइन फ्लू पीड़ित के साथ आए एक अटेंडर को हिरासत में लिया गया क्योंकि वो औचक निरीक्षण करने अस्पताल पहुंचे कलेक्टर से बदमीजी कर रहा था।
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में गुरुवार की शाम कलेक्टर मधुकर आग्नेय स्वाइन फ्लू को लेकर औचक निरीक्षण करने पहुंचे, लेकिन इसी दौरान एक अटेंडर संजू कुमार ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों के साथ गाली गलौज कर रहा था, इस दौरान कलेक्टर ने अटेंडर को शोर मचाने से मना किया, तो अटेंडर ने कहा तुम कौन ? उसके बाद कलेक्टर भड़क गए, उन्होंने अस्पताल चौकी के दीवान को युवक को पकड़ने का आदेश दिया। आरोप है कि अटेंडर शराब के नशे में धुत था।
इधर अस्पताल सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में स्वाईन फ्लू के मरीजों का ठीक प्रकार से इलाज नहीं हो रहा है। इसी के चलते अटेंडर वहां मौजूद डॉक्टरों से बहस कर रहा था, इसी दौरान कलेक्टर आ गए और उन्होंने उसे डपटकर चुप होने को कहा। अटेंडर को लगा कि ये कोई दूसरा डॉक्टर है अत: उसने तीखे तेवरों के साथ कलेक्टर से बात की।
यहां सवाल बदतमीजी का नहीं बल्कि स्वाइन फ्लू के इलाज का है, जो सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रहा है। कलेक्टर की इस तुनकमिजाजी की सर्वत्र निंदा हो रही है। मरीजों को आखों के सामने दम तोड़ते हुए परिजन नहीं देख सकते। वो नियंत्रण खो सकते हैं। इसका तात्पर्य यह नहीं कि उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाए। औचक निरीक्षण का तात्पर्य खुद की पहचान छिपाते हुए जांच करना। फिर कलेक्टर क्यों यह चाहते थे कि पूरे जिले के आम नागरिक उनके सामने मुजरा करें। कलेक्टर खुद को जिल्ले इलाही क्यों समझते हैं।