भोपाल। दिल्ली की जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी(आप) से MLA बने प्रवीण कुमार देशमुख मूलत: भोपाल से हैं। अन्ना आंदोलन से जुड़े, तो उन्होंने JOB छोड़ दी थी। प्रवीण आम आदमी पार्टी की पहली सरकार के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया के ओएसडी रहे हैं।
प्रवीण कुमार ने टीआईटी कॉलेज से वर्ष 2008 में MBA किया है। भोपाल के अयोध्या बायपास पर प्रकाश नगर में उनका घर है। एक बेहतर नौकरी की तलाश में दिल्ली पहुंचे थे। अच्छी नौकरी लगी भी लेकिन अन्ना आंदोलन में शामिल होने के लिए नौकरी छोड़ दी।
पंचन बनाते हैं प्रवीण के पिताजी
प्रवीण के पिता पीएन देशमुख भोपाल के पुल बोगदा पर टायर रिमोल्डिंग और पंचर बनाने की दुकान चलाते हैं। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। प्रवीण के माता-पिता करीब एक महीने से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और शपथ ग्रहण के बाद भोपाल लौटेंगे।
साढ़े छह लाख की नौकरी छोड़ी
प्रवीण देशमुख ने बताया कि अन्ना आंदोलन के वक्त वे एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे। उस वक्त 6.5 लाख रुपए प्रति वर्ष का पैकेज था। उसे छोड़कर केजरीवाल के इंडिया अगेंस्ट करप्शन के साथ जुड़ा था। इस बार टिकट मिली तो चुनाव मैदान में कूदा। मप्र के नेताओं ने चुनाव जीतने में काफी योगदान दिया।
मंत्री बनना लक्ष्य नहीं
मंत्री बनने की संभावना पर प्रवीण ने कहा कि मंत्री बनाना या ना बनाना पार्टी तय करेगी। मैं एक कार्यकर्ता और आम आदमी की हैसियत से ही काम करता रहूूूंगा।
भोपाल आना तय नहीं
दिल्ली के बाद भोपाल से राजनीति करने की बात पर प्रवीण ने कहा कि अभी पांच साल दिल्ली की ही सेवा करुंगा। पार्टी मजबूत करने के लिए मप्र और भोपाल आता रहूंगा। भविष्य में भोपाल के लिए राजनीति करने की संभावना से इंकार कर नहीं करता।
प्रवीण कुमार आप के संस्थापक सदस्य हैं और फिलहाल दिल्ली में पार्टी के उपाध्यक्ष। केजरीवाल की पहली पारी यानी 49 दिनों की सरकार में शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया के ओएसडी रहे हैं।
BJP के एमएस धीर को हराने वाले 30 वर्षीय प्रवीण कुमार ने दिल्ली के स्कूलों में डोनेशन लेकर एडमिशन देने की प्रथा पर जबर्दस्त तरीके से काबू पाया था। एमएस धीर आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे और हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने धीर को 20 हजार 400 वोट से हराया है। शाकाहर को बढ़ावा देने वाले प्रवीण कुमार ने एम्स को अपनी आंखें और शरीर के अन्य ऑर्गन दान करने का निश्चय किया है।
भोपाल से प्रवीण कुमार का प्रचार करने पारस सखलेचा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचे थे। प्रवीण कुमार इसे ईमानदारी और सच की जीत बताते हैं।
5 लाख का प्लॉट और 27 हजार कैश
प्रवीण कुमार की संपत्ति की बात करें तो उनके पास काफी कम पैसा है। चल संपत्ति में उनके पास 20 हजार रुपए कैश हैं। 6 हजार रुपए बसंत कुंज के आईसीआईसीआई बैंक में और भोगल के सेंट्रल ऑफ इंडिया में 1 हजार रुपए जमा है। 2 लाख रुपए की एलआईसी है। इसके अलावा उनके नाम भोपाल में एक 600 स्कैवयर फीट का एक प्लॉट है। जिसकी इस समय बाजार में कीमत 5 लाख है। यह सब जानकारी चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में प्रवीण कुमार ने दी है।