ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट घोटाले के सामने आते ही मामले की जांच के लिये 3 सदस्यीय समिति जिसमें प्रोफेसर यूपी वर्मा और रेणु जैन तथा राधा तोमर ने पीड़ितों के बयान लिये एक्जाम कंट्रोलर डीडी अग्रवाल की उपस्थिति में पूरी कार्यवाही हुई।
विजयाराजे सिंधिया गल्र्स काॅलेज की छात्रा प्रियंका नरवरिया की फिपथ सेम की फर्जी मार्कषीट की जांच की जा रही थी, जिस पर चैकर के रूप में चेतन और अनिल के हस्ताक्षर हैं और सिक्स सेम की मार्कषीट पर बृजभान के जबकि बृजभान गोपनीय में पदस्थ नही हैं। इंजीनियरिंग सेक्षन में कार्यरत सर्विस प्रोवाइडर विवेक शर्मा उक्त मार्कशीट लेकर पहुँचा था जो पकड़ में आने पर हरीष, दुर्जन, विवेक नामक कर्मचारियों के बयान समिति ने लिये। चेतन राजौरिया, बृजभान सिंह तोमर, अनिल जामदार नामक कर्मचारियों के बयान भी लिये गये हैं। इस घोटाले से जुड़े पुराने मामलों की भी खोजबीन की जा रही है।