सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। सुगंधित चावल में जहरीले रसायन की मिलावट कर जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड करने के संबंध में मुख्यमंत्री समाधान आनलाईन को प्रेषित की गई शिकायत क्रमांक पी.जी.283348/2014/99 की जांच के लिये कलेक्टर व्ही किरण गोपाल ने एक संयुक्त जांच दल गठन किया है। जिसमें तहसीलदार वारासिवनी, थाना प्रभारी वारासिवनी तथा खादय निरीक्षक जिला चिकित्सालय बालाघाट को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
दिनांक 12 फरवरी 2015 को पत्र क्रमांक 965 में जारी निर्देश में यह उल्लेख किया गया है कि शिकायत पत्र में उल्लेखित बिदुओं पर शिकायतकर्ता के समक्ष जांच कर तथ्यात्माक रिपोर्ट के साथ इस कार्यालय को अपना जांच प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से सात दिन के अंदर भेजना सूनिश्चित करे।
उक्त निर्देश पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि शिकायत की बिेदुवार जांच की जाये अगर शिकायतकर्ता न्यायालय में प्रतिवाद पेश करता है तो जांच प्रतिवेदन के लिये जांच अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार रहेगें। यह भी उल्लेख किया गया है शिकायत के जांच प्रतिवेदन में अपना अभिमत अर्थात शिकायत सही है या नही या गलत है तो उसका स्पष्ट उल्लेख करें।
शिकायत की जांच के आधार पर दोषियों पर कार्यवाही हेतु कार्यालय प्रमुख के माध्यम से कार्यवाही प्रस्तावित कर अवगत कराये शिकायत पर की गई जांच एवं कार्यवाही आवेदक के समक्ष की जावे एवं आवदेक का अनिवार्य रूप से जांच प्रतिवेदन की एक प्रति देकर अवगत करायें समय सीमा का अनिवार्य रूप से पालन करते हुये इस सरोज प्राथमिकता देवें।
शिकायत जांच प्रतिवेदन में अनिवार्य रूप से अपना अभिमत लिखे तथा शिकायत के जांच के मूल अभिलेख अपने कार्यालय में संधारित करके रखे क्योंकि आपके द्वारा भेजे अभिलेखों की कापी इस कार्यालय में संधारित नही की जाती। शिकायत का जांच प्रतिवेदन प्रेषित किये जाने हेतु आपको भविष्य में कोई स्मरण पत्र नही भेजा जायेगा।
यह उल्लेखनीय है कि समूचे बालाघाट जिले में राईस मिलर्स द्वारा चिन्नौर,कालीमूछ के नाम पर सुगधित चांवल के निर्माण की प्रक्रिया में कृत्रिम सुंगध डालने के लिये राईस मिलों में प्राप्रेलान ग्लायकाल नामक तरल रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है जो मानव शरीर के लिये नुकसान दायक है। जिसे विभिन्न ब्राण्डों के नाम पर पेंिकग कर उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है।