अदालतों में आंसू ना बहाएं: सुप्रीम कोर्ट

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने वाले मुकदमा लड़ने वालों को अदालत में रोने व भावुकता का प्रदर्शन करने के खिलाफ चेतावनी दी। अदालत ने कहा कि ऐसा करना न्यायाधीशों के विचार को बदलने में मदद नहीं कर सकता।

मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू और एके सिकरी की पीठ ने कहा, "अदालत में रोने से हम विचलित होने वाले नहीं हैं। पीठ ने कहा कि हम आपको बहस करने की इजाजत दे रहे हैं इसका मतलब यह नहीं है कि अदालत को अपना घर बना लें।

आपकी भावुकता से हम अपने विचार नहीं बदल सकते। अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब खुद अपना पक्ष रख रही एक महिला रोने लगी। उस महिला के पास बैठे वकील ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल की वकील है और उसे पुलिस सुरक्षा की जरूरत है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!