नई दिल्ली। जिस ओबामा से अपनी यारबाजी और गप्पों का जिक्र मोदी पिछले दिनों गर्व के साथ कर रहे थे, जिस विदेशी मीडिया में मोदी के छाए रहने की खबरें प्रकाशित हो रहीं थीं, उसी विदेशी मीडिया में इन दिनों मोदी की धुलाई हो रही है। पहले साम्प्रदायिकता के नाम पर और अब दिल्ली की हार के बाद।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी को मिली करारी हार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आसमान से जमीन पर पटक’’ दिया है। न्यूयार्क टाइम्स संपादकीय बोर्ड ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सफल भारत यात्रा और तीन दशकों में पहली बार राष्ट्रीय चुनाव में मोदी की भारतीय जनता पार्टी को मिली शानदार सफलता के कुछ ही समय बाद मोदी की यह चुनावी हार हुई है। दिल्ली के चुनावी नतीजों से उन पर अपने आर्थिक और शासन संबंधी वादों को पूरा करने के लिए भारी दबाव पड़ सकता है।
'प्रधानमंत्री मोदी की हार’ शीर्षक से प्रकाशित लेख में कहा गया है, राष्ट्रपति ओबामा के साथ सफल शिखर वार्ता से ताजा कदम के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घरेलू राजनीति ने धरातल पर ला दिया। इसमें कहा गया है कि नई दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में मोदी और भाजपा कुचले गए। अखबार के मुताबिक इन चुनाव से प्रधानमंत्री पद और संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन इससे उन पर अपने अर्थव्यवस्था और शासन संबंधी वादों को पूरा करने का भारी दबाव होगा और यह मुश्किल भी होगा।
समाचार पत्र के मुताबिक नई दिल्ली में चुनाव ‘सामान्य’ रूप से अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित नहीं करते लेकिन चूंकि मोदी और उनकी पार्टी ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय चुनाव में भारी जीत हासिल की थी और राजनीतिक नेता तथा भाजपा अन्य राज्यों के चुनाव जीत कर अपराजेय होने का आभामंडल बना चुकी थी। इन चुनाव में भाजपा को तीन सीटें जबकि राजनीति में नई उतरी आम आदमी पार्टी (आप) को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में भारी भरकम 67 सीटें मिलीं।