नईदिल्ली। बिहार के सीएम जीतन राम मांझी सोमवार करीब तीन बजे राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलने एक बार फिर राजभवन पहुंचे. करीब आधे घंटे की बैठक के बाद मांझी ने कहा कि वह अपना बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मतदान जब भी हो सीक्रेट बैलेट से हो. मांझी ने नीतीश कुमार को दल का नेता चुने जाने पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि उनका चुनाव अवैध है.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा, 'महामहिम से वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर बात हुई. नीतीश जी को नेता चुनना नियमों के खिलाफ है. विधायक दल की बैठक अनाधिकृत है. राज्यपाल महोदय ने सारी बात को गौर से सुना और कहा कि वह उचित कार्रवाई करेंगे. हम 19-20 या 23 को बहुत साबित करना चाहेंगे. हम बजट सेशन बुला चुके हैं. राज्यपाल ने 48 घंटे वाली बात बताई, हमने कहा कि हुजूर ये तो आपके ऊपर है. आप बता दीजिए कब बहुमत साबित करना है. हम यही चाहते हैं कि सीक्रेट बैलेट से वोटिंग हो और दोनों दलों के पर्यवेक्षक वहां मौजूद रहें.'
मांझी ने कहा कि राज्यपाल जब कहेंगे वह बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं. पार्टी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर मांझी ने कहा, 'वह निकाले हैं या नहीं निकाले हैं यह संवैधानिक पक्ष है. हमको अभी पत्र नहीं मिला है'. इससे पहले जेडीयू के नीतीश खेमे के विधायक राजभवन पहुंचे, लेकिन उनके परेड की जरूरत नहीं पड़ी. इस दौरान नीतीश, लालू और शरद राज्यपाल से बातचीत करने अंदर गए, जबकि बाकी विधायक बाहर खड़े रहे. राज्यपाल खुद शाम 7 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
बताया जाता है कि नीतीश के समर्थन में कांग्रेस, जेडीयू और आरजेडी के कुल 130 विधायक हैं. इससे पहले मांझी ने भी नरेंद्र सिंह, नीतीश मिश्र और रवीन्द्र राय के साथ राज्यपाल से मुलाकात की.
जेडीयू ने मांझी को निष्कासित किया
बिहार में सत्ता के लिए संग्राम और पार्टी के अंदर घमासान के बीच जेडीयू ने सोमवार को सीएम जीतन राम मांझी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बताया जाता है कि आगे अगर 48 घंटों के अंदर राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने मांझी को बहुमत साबित करने का मौका नहीं दिया तो नीतीश कुमार अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में राष्ट्रपति के सामने परेड करेंगे, वहीं निष्कासन के ठीक बाद मांझी समर्थक विधायक निष्कासन के विरोध हाई कोर्ट पहुंच गए हैं.
सोमवार सुबह ही बिहार और बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पटना राजभवन पहुंच चुके हैं. राज्यपाल से सोमवार को जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार दोनों ही मुलाकात करेंगे. लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि राज्यपाल किसे पहले बहुमत सिद्ध करने का मौका देते हैं, वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि बहुमत साबित करने के दौरान मांझी को बीजेपी का समर्थन मिल सकता है.
मांझी समर्थक जेडीयू नेता नरेंद्र सिंह ने कहा कि रविवार को मांझी और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात सफल रही है और पीएम ने उन्हें आशीर्वाद दिया है. इस बीच मांझी ने भी स्प्ष्ट कहा है कि वह विधानसभा भंग करने के पक्ष में नहीं हैं. बिहार विधानसभा के स्पीकर ने पहले ही नीतीश को मांझी की जगह विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है. इसके बाद से ही नीतीश के घर समर्थक विधायकों का तांता लगा हुआ है.
नीतीश सुबह समर्थकों की बैठक लेने के बाद दोपहर डेढ़ बजे राज्यपाल से मिलेंगे. जबकि जीतनराम मांझी अभी दिल्ली में हैं. वह रविवार को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे थे. हालांकि दोपहर 12 बजे तक वो भी पटना पहुंच जाएंगे. मांझी ने कहा है कि वो राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और उनके पास बहुमत होने का दावा पेश करेंगे. मांझी भी दोपहर बाद राजभवन पहुंच सकते हैं.
इससे पहले रविवार को बिहार के सीएम जीतन राम मांझी ने दिल्ली में कहा कि 19 या 20 फरवरी को वो बहुमत साबित कर देंगे. मांझी ने कहा कि वो 34 नए मंत्री बना सकते हैं. मांझी ने दो टूक कहा कि वो इस्तीफा तभी देंगे जब नीतीश बहुमत साबित कर देंगे.