भोपाल। सांची संघ से जुड़े दूधियों की हड़ताल के चलते मवेशियों का दूध प्लांट तक नहीं पहुंचा परंतु हड़ताल का असर आमजनता में दिखाई ना दे, इसलिए सांची की ओर से पावडर का दूध सप्लाई किया गया। इसके अलावा भोपाल दुग्ध संघ ने अब नए आर्डर पर रोक लगा दी है। सप्लायरों को निर्देश हैं कि वे पॉर्लरों को डिमांड से कम दूध दें। संघ ने दिल्ली भेजे जा रहे दूध की सप्लाई भी रोक दी है और दुधारू पशुपालकों को मनाने का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को संघ के अध्यक्ष राजगढ़ और महाप्रबंधक आष्टा में डेरा डाले रहे। फिर भी किसान हड़ताल से लौटने को तैयार नहीं हैं।
हड़ताल के चलते राजधानी में शनिवार को दूध की किल्लत का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन जरूरत से एक लाख लीटर ज्यादा दूध आया। इसलिए हड़ताल का असर नहीं पड़ा। फिर भी दुग्ध संघ प्रबंधन हड़ताल से घबराया हुआ है। शनिवार को महाप्रबंधक वितरण डॉ. आरके दुरवार आष्टा शीत केंद्र पहुंचे और हड़ताली दूध सप्लायरों से बात की, लेकिन वे किसी भी सूरत में हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि दूध की क्वालिटी को लेकर सोसायटियों की काटी गई राशि वापस की जाए और नए सिरे से राशि न काटी जाए, तभी हड़ताल वापस होगी।
इस बीच राजगढ़ में भी हड़ताल की आशंका का पता चला, तो संघ के अध्यक्ष धरमसिंह वर्मा राजगढ़ रवाना हो गए। वहां उन्होंने किसानों से बात की और उनकी ओर से निश्चितता जताई है। जबकि हड़ताली सोसायटी पदाधिकारियों का कहना है कि राजगढ़ की करीब 80 सोसायटियों से दूध देना बंद कर दिया है। दुग्ध सोसायटी यूनियन के अध्यक्ष अरविंद परमार ने बताया कि बैतूल और राजगढ़ की सोसायटियों से बात हो गई है। वे भी सप्लाई बंद कर रही हैं। इसके बाद हड़ताल का व्यापक रूप दिखाई देगा।
पावडर से बना रहे दूध
यूनियन के अध्यक्ष श्री परमार का दावा है कि हड़ताल की वजह से पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पहुंच रहा है। चूंकि संघ के पास पावडर है। इसलिए राजधानी के लोगों को पावडर का दूध पिलाया जा रहा है। जब तक पावडर रहेगा, दूध की किल्लत नहीं आ सकती है। उन्होंने दावा किया कि हड़ताल की वजह से संघ ने दो लाख लीटर दूध की सप्लाई बंद कर दी है। यह दूध रोज दिल्ली भेजा जा रहा था।
आष्टा से आया 4 हजार लीटर दूध
हड़ताल का आगाज करने वाले आष्टा के किसानों ने शनिवार को भी दुग्ध संघ को दूध नहीं बेचा। यहां से रोज 51 हजार लीटर दूध संघ को मिलता है, लेकिन शनिवार को महज 4 हजार लीटर मिला। ऐसे ही शुजालपुर से 41 हजार लीटर दूध रोज संघ को मिलता है, लेकिन शनिवार को महज 320 लीटर दूध पहुंचा। सूत्र बताते हैं कि बैतूल, रायसेन, राजगढ़ सहित सीहोर जिले की अन्य सोसायटियों से शनिवार को कुल 4.51 लाख लीटर दूध संघ को प्राप्त हुआ है। जिसमें से 3.50 लाख लीटर दूध की खपत हुई है। शेष 1.01 लाख लीटर दूध स्टोर किया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में संघ को रोज 5.35 लाख लीटर दूध मिलता है।
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हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ा है। हमारे पास सरप्लस दूध है। हम किसानों से बात करने को तैयार हैं, लेकिन दूध की क्वालिटी के मद्देनजर नियमों में संशोधन की गुंजाइश नहीं है। अभी दूध की किल्लत नहीं होगी।
धरमसिंह वर्मा
अध्यक्ष, भोपाल सहकारी दुग्ध संघ
जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी। तब तक हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी। हड़ताल का असर अभी नहीं पड़ रहा तो क्या? आने वाले दिनों में तो दिक्कत होगी। क्योंकि सभी क्षेत्रों की समितियां हड़ताल से जुड़ रही हैं।
अरविंद परमार
अध्यक्ष, दुग्ध सोसायटी यूनियन