नई दिल्ली। किरन बेदी पर 'तानाशाही' का आरोप लगाते हुए उनके चुनाव अभियान के प्रभारी बीजेपी नेता नरेंद्र टंडन ने सोमवार सुबह इस्तीफा देते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को यह चिट्ठी लिखी थी। टंडन ने बाद में अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
आदरणीय अमित शाह जी
अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी
11 अशोक रोड, नईदिल्ली
मैं भारतीय जनता पार्टी से इस्तीपा दे रहा हूं। मैं पिछले लगभग 20 साल से बीजेपी से जुड़ा रहा हूं और पार्टी के विभिन्न पदों पर रहा हूं। लेकिन आज जिस तरह किरन बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है, मैं उससे आहत हूं। जिस किरन बेदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर निर्ममता से डंडे बरसाए थे, ना जाने कितने कार्यकर्ताओं के सिर फटे, टांगें टूंटीं और वह किरन बेदी आज हम पर राज करेगी।
मैं पिछले 10 दिन से किरन बेदी के कार्यक्रम एवं सारे रूट देख रहा था और जिस तरह वह हम लोगों को डिक्टेशन दे रही थीं, वह असहनीय हो गया है। उनके सहयोगी बात-बात पर मुझे जलील करती थीं। मैंने 11 दिन पूरी मेहनत और लगन से काम किया। अब नहीं कर सकता और दूसरा दिल्ली के निर्लज्ज संगठन मंत्री जो सिर्फ महिलाओं और पैसे में ही रुचि रखते हैं, जैसे भ्रष्ट व्यक्ति को चार्ज सौंप दिया।
अध्यक्ष जी, आप अपनी जांच करवा लो, ये व्यक्ति क्या है आपको पता चल जाएगा।
आपका कार्यकर्ता
नरेंद्र टंडन
प्रमुख किरन बेदी कार्यक्रम
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य
पूर्व प्रदेश मंत्री
पूर्व अध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ
भले ही चुनाव के चलते श्री टंडन ने शाम होते होते इस्तीफा वापस ले लिया परंतु टंडन की विदाई सुनिश्चित हो गई है। सच यही है कि अब सबकुछ पहले जैसा नहीं रहेगा। टंडन का यह दर्द उनका व्यक्तिगत नहीं है बल्कि भाजपा के लिए दिनरात एक करने वाले कई कार्यकर्ताओं का है। वो अपने सर पर थोप दिए गए नेताओं को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है और उनकी तानाशाही तो जमीनी भाजपाईयों को कतई मंजूर नहीं। यह एपिसोड यहां खत्म नहीं होता, बल्कि यहां से शुरू होता है। देखते हैं यह बीज आगे जाकर कितना बड़ा वृक्ष बनता है।